गौवंश संरक्षण केन्द संचालन समिति का गठन
जिलाधिकारी रायबरेली, नेहा शर्मा ने जिला पंचायत अधिकारी को निर्देश दिये है कि जनपद में जिला पंचायत द्वारा संचालित गौवंश संरक्षण केन्द्र/कांजी हाउस संचालन समिति का गठन कर दिया गया है। समिति में अध्यक्ष सम्बन्धित जिला पंचायत सदस्य, उपाध्यक्ष सम्बन्धित ग्राम प्रधान, सचिव कार्य अधिकारी जिला पंचायत इसके अलावा 07 नामित सदस्य है। जिनकी जिम्मेदारियां है कि संचालन समिति अपने कर्तव्यों का निर्वहन भली-भांति करें। उन्होंने कार्य अधिकारी (नोडल अधिकारी) गौवंश संरक्षण केन्द्र को निर्देश दिये है कि नोडल विभाग जिला पंचायत के साथ क्षेत्रीय पशु चिकित्सा अधिकारी अन्य सभी सदस्यों से समन्वय स्थापित कर संचालन में आ रही कठिनाइयों का गौशाला स्तर पर निराकरण करेंगे। अपरिहार्य अथवा अन्य कारणों के हल न हो पाने के की दशा में अपने विभागीय उच्च अधिकारियों के समक्ष समस्या को संज्ञान में लाकर निराकरण करायेंगे।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये है कि जिला पंचायत से निर्मित कांजी हाउसों के संचालन एवं संरक्षित निराश्रित/बेसहारा गौवंशी पशुओं के भरण-पोषण व प्रबन्धन हेतु शासन द्वारा प्रदत्त शासकीय धनराशि को जनपद स्तर पर अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत व उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सदर के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित खाते के डबटेलिंग के माध्यम से जिले स्तर पर ही कार्य अधिकारी एवं कर अधिकारी जिला पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से खोले गये नवीन खाता ''अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल'' से विकास खण्ड स्तर पर कर अधिकारी व सम्बन्धित वसूली स्टाफ जिला पंचायत के द्वारा संचालित किये गये नवीन खाते में मांग पत्र के अनुरूप धनराशि हस्तान्तरित की जायेगी। कर अधिकारी एवं सम्बन्धित वसूली स्टाफ जिला पंचायत रायबरेली को संचालित अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल से प्राप्त धनराशि का मांग पत्र/बिल वाउचर्स के माध्यम से चारा-भूसा क्रय किये गये फर्म/संस्था/निजी क्षेत्र से चारा-भूसा बिक्री करने वाले पशु पालक आदि के खाते में आर0टी0 जी0एस0/एन0ई0एफ0टी0/चेक के माध्यम से भुगतान किया जायेगा। समस्त वित्तीय/प्रशासनिक स्वीकृति अपर मुख्य अधिकारी/मुख्य अधिकारी जिला पंचायत द्वारा प्रदान की जायेगी।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि संरक्षित पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण, पशु चिकित्सा, बछड़ों का बधियाकरण, गायों में कृत्रिम गर्भाधान, सामूहिक दवापान, संक्रामक बीमारियों का टीकाकरण, इयर टैगिंग द्वारा चिन्हांकन कार्य, मृत पशुओं का शव विच्छेदन व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना आदि कार्याें के साथ-साथ केन्द्र पर रखे गये अभिलेखों का समय-समय पर निरीक्षण कर प्रति हस्ताक्षरित करेंगे। इसी प्रकार अभियन्ता जिला पंचायत को जिला पंचायत रायबरेली के गौवंश संरक्षण केन्द्रों के निर्माण एवं मरम्मत सम्बन्धी कार्य का पर्यवेक्षण कार्य देखेंगे। कर अधिकारी जिला पंचायत द्वारा संचालित गौवंश संरक्षण केन्द्र में संरक्षित पशुओं के भरण-पोषण हेतु चारा-भूसा की व्यवस्था तथा मृत पशुओं के शव निस्तारण के सम्बन्ध में कार्यवाही करने का कार्य तथा नोडल अधिकारी को दैनिक रिपोर्ट से अवगत कराने का कार्य।
सम्बन्धित गौवंश संरक्षण केन्द्र प्रभारी/सम्बन्धित वसूली स्टाफ जिला पंचायत को निर्देश देते डीएम ने हुए कहा है कि वसूली कार्य के साथ-साथ गौवंश संरक्षण केन्द्र का संचालन अपनी देख-रेख में कराने का कार्य तथा लगे श्रमिकों/मजदूरांे का माहवार मस्टर रोल तैयार करना, कर अधिकारी जिला पंचायत रायबरेली के साथ संरक्षित पशुओं के चारा-भूसा, पानी की व्यवस्था करना, लगे हुए श्रमिकों से साफ-सफाई कराना तथा गोबर एकत्रित कराना। नोडल अधिकारी को दैनिक प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराने का कार्य। पशु रजिस्टर, चारा-भूसा रजिस्टर, निरीक्षण रजिस्टर आदि के रख-रखाव का कार्य। क्षेत्रीय अवर अभियन्ता जिला पंचायत अपने क्षेत्र के गौवंश संरक्षण केन्द्रों का निर्माण, मरम्मत कार्य साथ ही साथ विद्युत आपूर्ति एवं जल व्यवस्था सम्बन्धी समस्त तकनीकी कार्य करेंगे।
सम्बन्धित जिला पंचायत सदस्य, सम्बन्धित ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, स्वयं सेवी व्यक्ति, गौवंश पकड़वाने एवं समय-समय पर अपना सहयोग व सुझाव देंगे। गौवंश संरक्षण केन्द्र के कार्यों पर निगरानी का कार्य एवं अनुदान (कोष) की व्यवस्था कराना भी देखेंगे। जिला पंचायत द्वारा संचालित सभी गौवंश संरक्षण केन्द्र के प्रगति एवं कठिनाइयों के सम्बन्ध में गौशाला स्तर पर मासिक बैठक का कार्य, जिसकी समय सारिणी जड़ावगंज व समोधा प्रत्येक माह की 02 तारीख सार्वजनिक अवकाश होने पर अगले दिवस में, लोधवारी व पूरे रत्ती मलिकमऊ प्रत्येक माह की 04 तारीख सार्वजनिक अवकाश होने पर अगले दिवस में, सुदामापुर व कठगर प्रत्येक माह की 06 तारीख सार्वजनिक अवकाश होने पर अगले दिवस में आयोजित की जाये। समिति के प्रत्येक सदस्य को समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों के द्वारा दी गयी नैतिक जिम्मेदारी के विचलन की दशा में सम्बन्धित व्यक्तिगत् रूप में कार्य लापरवाही मानते हुए जिम्मेदार माने जायेंगे तथा यथोचित प्रशासनिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।