अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर
सिटी मोन्टेसरी स्कूल लखनऊ की मेजबानी में आयोजित एक माह के 'अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर' में प्रतिभाग हेतु विभिन्न देशों के छात्र दलों व जूनियर काउन्सलर्स का लखनऊ आगमन प्रारम्भ हो गया। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी के मार्गदर्शन में लखनऊ पधारे ब्राजील, डेनमार्क एवं स्वीडन के छात्र दलों का विद्यालय के शिक्षकों व कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। इसके अलावा, ब्राजील, नार्वे एवं भारत के जूनियर काउन्सलर्स का भी लखनऊ की सरजमीं पर भव्य स्वागत हुआ। 'अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर' में प्रतिभाग हेतु पधारे सभी बच्चे अपने अभूतपूर्व स्वागत से गद्गद् दिखे। बाल शिविर के प्रतिभागी सभी 13 देशों के बाल दल व जूनियर काउन्सलर्स कल 28 दिसम्बर की देर रात तक लखनऊ पधारेंगे। विदित हो कि सी.एम.एस. की मेजबानी में एक माह के 'अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर' का आयोजन 28 दिसम्बर 2019 से 24 जनवरी 2020 तक किया जा रहा है, जिसमें विश्व के 13 देशों ब्राजील, कनाडा, कोस्टारिका, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, मैक्सिको, नार्वे, स्वीडन, थाईलैंड, अमेरिका और भारत के 11 से 12 वर्ष उम्र के बच्चे एक साथ, एक छत के नीचे साथ-साथ रहकर एक-दूसरे की सभ्यता, सँस्कृति, खान-पान, रीति-रिवाजों व रहन-सहन आदि से परिचित होंगे, साथ ही साथ विश्व बन्धुत्व, विश्व एकता, विश्व शान्ति, सौहार्द एवं भाईचारे का पाठ पढ़ेंगे।
इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर का भव्य उद्घाटन 30 दिसम्बर, सोमवार को अपरान्हः 1.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आडिटोरियम में होगा। लखनऊ के नगर आयुक्त डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। इस शानदार समारोह में 13 देशों से पधारे प्रतिभागी छात्र अपने-अपने देशों के लोकगीतों एवं शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना का प्रदर्शन करेंगे।
इंग्लैण्ड की चिन्ड्रेन्स इन्टरनेशनल समर विलेज संस्था (सी.आई.एस.वी.) के तत्वावधान में विश्व के अलग-अलग देशों में इस प्रकार के अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविरों का आयोजन किया जाता है एवं इसी कड़ी में सी.एम.एस. की मेजबानी में 27वां अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर आयोजित किया जा रहा है। बाल शिविर के अन्तर्गत प्रतिभागी बच्चों के ठहरने, खाने-पीने, खेल-कूद, ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण, चिकित्सा आदि की सारी सुविधाऐं सी.एम.एस. द्वारा उपलब्ध करायी जा रही हैं। अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर के अन्तर्गत विभिन्न संस्कृति, भाषा, सभ्यता, रीति-रिवाज में पले-बढ़े बच्चों को इस प्रकार के एक माह लम्बे अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर में इकट्ठा रखे जाने का उद्देश्य छोटे बच्चों के कोमल हृदय में आपसी भाईचारा, विश्व शांति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का समावेश करना है।