आयने की जादुई रहस्यमय शक्तियाँ
विश्व मे अनेक धर्मों और सभ्यताओं मे यह मान्यता रही आयने, छाया, अक्स या परछाईयों में रहस्यमय शक्तियों होती है। जिन्हें काबू मे करके अच्छे या बुरे कार्य करवाये जा सकते है। जैसे क्रिस्टल बाॅल द्वारा भविष्य कथन आदि। प्रेत देखने वाले कुछ लोगों का दावा है। कि उन्हें आयने मे प्रेतात्मा के दर्शन हुये कुछ लोगों को दावा है। कि उन्हें आयने मे भविष्यसूचक शुभ या अशुभ घटनायें दिखती है। आयने की रहस्यमयता से जुड़े अनेक भय विचित्र किस्से अंधविश्वास लोक कथायें, दैवी और अलौकिक विषय समाज मे प्रचलित है भारतीय और मुस्लिम तंत्र ग्रन्थों अपनी ही छाया परछांई शूक्ष्म शरीर या छाया पुरूष को सिद्ध करने करने का वर्णन है। जिसेे ईस्लाम मे हमजाद और हिन्दुओं मे छाया पुरूष की सिद्धि कहते है जिसकी अनेक विधियों मे से एक विधि मे साधक आयने के सामने बैठकर अपने ही प्रतिविम्ब पर त्राटक करता है। कछ दिनो बाद उसे अपना ही चेहरा दिखना बंद हो जाता है। और सिद्धि प्राप्त हो जाती है। रोमन कैथोलिक तंत्र शास्त्र को आयने के सामने कुछ मोमबत्तियां जला कर विशेष रोमन मंत्रांे का 41 दिन तक जाप किया जाता है। 41 दिन बाद साधक को कुछ अजीबों गरीब सिद्धियों की प्राप्ति होती है जिनमे से एक दुष्टात्मा को काबू मे करने की भी होती है। प्राचीन रोमन मान्यता के अनुसार मृत्यु के समय आत्मा शरीर से बाहर निकलने लिये किसी शीशे के टूटने का इंतजार करती है रोमन लोगों मे मान्यता है कि आयना टूटने पर परिवार मे या परिचित मे किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है। आयने का टूटना रोेेमन आदि कई सभ्यताओं मे अपशकुन माना जाता है, जो सात साल के लिये शाप व दुर्भाग्यकाल लाता है फिर सात वर्ष बाद ही सौभाग्य आयेगा टूटा शीशा व्यक्ति के जीवन मे सात साल के दुर्भाग्य की निशानी है। जिस दिन से उसने आखिरी बार अपना अक्स आयने मे देखा था उस दिन से आगामी सात साल। अमंदा राईट इस शाप से बचने का एक अनुभव सिद्ध उपाय बताते है। शीशे के टूटे टुकड़ों के सामने सात सफेद मोमबत्तियां जलाकर सात दिन तक रोज सात बार परमात्मा से रक्षा की प्रार्थना करे और सात बार क्षमा मांगे कुछ सभ्यताओं के अनुसार यदि आप शीशे के टूटे टुकड़ो को सात साल के लिये पवित्र जमीन मे दफना देते है। तो आपका सौभाग्य पुनः वापस आ जायेगा यदि आप शीशे के टूटे टुकड़ो को सात घंटे के लिये पवित्र बहती नदी या धारा या नमकीन जल या चाँदनी रात या समुद्र मे दफना देते है। तो शाप तुरंत नष्ट हो जायेगा बहता पानी हर वस्तु को शुद्ध कर देता है। चन्द्र जल और चर्च का होली वाटर या गंगाजल भी यदि यही काम करता है। आयनों को दूसरी दुनिया का दरवाजा माना जाता है। कही कही आयनों को समंातर दुनिया की खिड़किया कहा जाता है।
आयना और प्रेतविद्या:-
आयने या चमकदार या प्रतिविम्ब बनाने वाली सतह जैसे तेल पानी आदि हमेशा से जादुई मानी जाती है आयने आत्मा से संम्पर्क करने और मंत्र विद्या के लिये अंय आयामों और संसार मे जाने के प्रवेशद्वार है साधक का अपना आयना होना चाहिये उसे कोई अंय ना प्रयोग करे यह आपका यंत्र है। सर्व प्रथम आपको उस आयने को शुद्ध और पवित्र करना चाहिये और रक्षा मंत्रों से बांधना चाहिये आयने को शुद्ध करने के लिये सफेद मोमबत्ती, अगरबत्ती चंदन की लकड़ी, अफ्रीकन वानस्पतिक इत्र मंत्रादि का प्रयोग करे कुछ लोग तीन बार तो कुछ साधक रक्षा मंत्रों को सात बार दोहराते है। आयने को वर्षा के जल, समुद्र जल, चन्द्र जल से भी पवित्र किया जाता है। ग्रीक व यहूदी मान्यताओं के अनुसार साधना व भविष्य कथन के लिये उपयोग होने वाले आयने या क्रिस्टल बाॅल या अंय आयनों को हमेशा ढक कर रखना चाहिये उसे कोई अंय ना प्रयोग करे।
वास्तु और फेंग सुई मे आयना:-
जातक को आयना अपने ठीक बेड के आखिरी सिरे पर या बेडरूम मे नही लगाना चाहिये या आयने को ठीक सामने बेड ना रखें यदि रखें तो रात मे सोने से पहले उसे किसी भारी कपड़े या शीट से ढक दे यह मान्यता है। कि यदि आपके कोई बेड के आखिर के कोई आयना है। तो बुरी आत्मा परेशान कर सकती है, आपका कोई पुराना दुःख वापस आ सकता हैं अनिदा्र, उत्तेजना, अशांति, रोग या गंभीर रोग दे सकता है। मान्यता के अनुसार आत्मा सोते समय अपना प्रतिविम्ब पसंद नही करती है बेडरूम के आयने से आत्मा द्वारा नींद मे अंय लोकों की यात्रा करने मे बाधा आ सकती है। आत्मा आपको डरा सकती है बीमार कर सकती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपके घर या दुकान के मुख्य द्वार के सामने कोई वास्तु बाधा जैसे पेड़, खंभा, कोई ऐसी गली जो ठीक आपके दरवाजे पर आकर या घर दुकान मे आकर समाप्त होती है। तो दुकान मकान के सामने एक विशाल आयना इस तरह लगायें कि आयने मे उस बाधा का प्रतिविम्ब दिखाई पड़े इससे उस बाधा का असर समाप्त हो जायेगा आयने अपने उपयोग करने वाले व्यक्ति की सभी उर्जा और गुणों को प्रतिविम्बित करते है आयने के द्वारा सभी प्रकार की उर्जायें और जीवित मृत व्यक्ति, वस्तुओं पशु पक्षी अनेक लोकों की यात्रा करते ह।ै अतः आयने का भविष्यकथन या तंत्र मे उपयोग करते समय सावधान रहें अंयथा भयानक अशुभ अनुभव हो सकते है इन्हें बेडरूम, या अपने व्यक्तिगत कमरे से दूर ढक कर रखें। रात मे मोमबत्ती की रोशनी मे कभी आयना नही देखना चाहिये क्यों कि उसमे अक्सर प्रेतात्मा दिख जाती है।
आयना और यहूदी परम्परा:-
यहूदियों मे सामांयतः प्रातःकाल को और विशेषतः परिवार मे किसी की मृत्यु होने पर घर के सभी आयनों का संस्कार समाप्त होने तक ढक कर रखने की परंपरा है। इन आयनों को भूल कर भी प्रातःकाल प्रयोग नही करना चाहिये वरना मृतक की आत्मा या उसके जीवन की घटनायें प्रकृट हो सकती है। ना ही दुःख के समय प्रातःकाल अपनी छवि की सुंदरता निहारनी चाहिये यहूदियों के अनुसार प्रातःकाल मे आयने मे सैकड़ों दुष्ट आत्मायें शीशे की परछाईयों से जुड़ने की कोशिश करती है। अतः सभी आयने ढक कर रखने चाहिये जिससे मृतक की आत्मा आयने को को नही देखे है आत्मा कभी-कभी आयने मे कैद हो जाती है। प्रातःकाल आयने के सामने प्रार्थना ना करे इससे दुःखी पीड़ित व्यक्ति को आत्मायें और कष्ट देती हैं
विक्टोरिया काल मे तथा उससे भी सदियों पहले भी आयनों ढक कर रखने की परंपरा रही है। आयने का प्रयोग विश्व मे 6,600 ईसा पूर्व भी प्रयोग किये जाने का प्रमाण मिलता है। भुतहा या अभिशप्त आयनों से संबधित हजारों कहानियंा सदियो से दुनिया मे प्रचलित ह।ै यदि आप आयना का उपयोेग किसी अलौकिक कार्य के लिये कर रहे हो तो हमेशा साथ मे प्रकाश और रक्षा कवच या तावीज आदि उपयोग करे आयने का सदा सम्मान करे यदि कोई व्यक्ति आप पर या आपके परिवार या सपत्ति पर काला जादू या तंत्र प्रहार करता है। तो आप कल्पना करे कि आप एक विशाल कांच की गेंद के नीचे लेटे है। और विशाल गंेद भेजने वाली व्यक्ति पर उसकी नफरत और तंत्र क्रिया को लौटा रही है आप के शरीर से प्रेम की किरणें फूट रही है। यदि हमला आपकी संपत्ति पर किया जाता है तो कल्पना करंे कि संपति की सीमाओं की जमीन के नीेचे एक विशाल क्रिस्टल बाल घूम रही है। जो काले जादू के असर को वापस भेज रही है। और शत्रु की घृणा को प्रेम मे बदल कर संपति पर प्रेम की बारिस कर रही है। ज्योतिष मे आयने अक्स तस्वीर, छाया, परछाईं, प्रेतात्मा, जादू-टोना, तांत्रिक क्रियायें राहू के अन्र्तगत आते हैं। कुछ सभ्यताओं मे यह विश्वास था कि आयने इंसान की सच्चे स्वभाव और वास्तविक आत्मा को दिखाते है। क्रोशियन्स मानते थे कि प्रेतात्मा से बचने के लिये मृतक के साथ उसका आयना भी दफना देना चाहिये वैम्पायर्स और आत्माओं की तस्वीर आयने मे नही दिखती है। क्योकि उनमे आत्मा नही होती है । पुराने जमाने मे लोग मानते थे कि भूत-प्रेत किसी घर मे घुसने के लिये आयनों का ईस्तमाल दरवाजों और प्रवेश द्वारा के रूप मे करते हैे। प्रेत प्रकोप से बचने के लिये घर के पुराने आयने हटा देने चाहिये यदि आप किसी भुतहे अभिशप्त शीशे को तोड़ देते है। तांे आप निकट की किसी अभिशप्त कबिस्तान जाये वहाँ शीशे के टुकड़ों को कब्र मकबरे के उपर रख दे इससे अभिशाप हट जायेगा या शीशा टूटने के तुरंत बाद अपने स्थान पर घड़ी की विपरीत दिशा मे तीन बार घूम जाये फिर तीन बार घड़ी की दिशा मे घूम जायें। चर्च मे जाकर पवित्र जल लायें और शीशा टूटने को स्थान का पवित्र करें। प्रेत से हट जाने की प्रार्थना करे व शीशा टूटने की जगह पहली रात को मोमबत्ती जलायें किचिन या डायनिंग टेबुल के पास शीशा रखने से धन अनाज की वृद्धि होती है। किसी मृतक के कमरे मे उसकी मृत्यु के 16 माह बाद तक नया शीश नही रखना चाहिये किसी अंय कमरे मे रखें नये शीशे मे मृतक के कमरे का या किचिन या डायनिंग टेबुल का अक्स नजर नही आना चाहिये मान्यता है। कि भूखे प्रेत भोजन के अक्स से भोजन करते है।