कोरोना काल है भ्रमित मत होना

शहर समता विचार मंच के तत्वावधान में प्रयागराज के वरिष्ठ कवि शिवमूर्ति सिंह जी की अध्यक्षता में एक आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस काव्यगोष्ठी में मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि यशवंत सिंह ‘यश’ एवं विशिष्ट अतिथि कानपुर के वरिष्ठ कवि अशोक गुप्ता ‘अचानक’ जी थे। आयोजन का प्रारम्भ माँ सरस्वती जी को मालार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया और सरस्वती वंदना अन्नपूर्णा मालवीय ‘सुभाषिनी’ जी द्वारा प्रस्तुत की गयी। डा. नीलिमा मिश्रा  के प्रभावशाली एवं सुंदर संचालन द्वारा प्रयागराज के अनेक कवि एवं कवयित्रियों नें अपनी सुंदर-सुंदर रचनाओं को पटल पर रख अपने भावों का आदान प्रदान किया।
संचालन की खास बात ये रही कि सभी कवियों और कवयित्रियों को उनके नाम से बने दोहों से मंच पर आमंत्रित किया गया जिससे सभी रचनाकारों में खुशी की लहर दौड़ गयी। इस काव्य गोष्ठी में जहाँ नीलिमा मिश्रा जी की यह पंक्तियाँ सराही गयी.... 
सुबह आसमाँ पर जो लाली रही,
पूरी दुनिया की रंगत निराली रही।
वही उमेश श्रीवास्तव जी  की .....
बड़े कवि अगर हो लिखो बात ऐसी
धरा का अंधेरा सभी मिट ही जाऐ  
सराही गयी, रचना सक्सेना जी ने हो सृजन कुछ आज ऐसा डायरी भरते रहे....  तो रेनू मिश्रा जी ने 
धैर्य मत खोना, विश्वास मन रखना।  
कोरोना काल है भ्रमित मत होना।  
पढ़कर मंच पर खूब तालियां बटोरी इस काव्य गोष्ठी का संयोजन रचना सक्सेना एवं राजेश सिंह राज ने किया। इस काव्य गोष्ठी में शिवमूर्ति सिंह, सुधा शर्मा, आभा मिश्रा, उमेश श्रीवास्तव, शोभित गुप्ता, डा. उपासना पाण्डेय, सरिता मिश्रा, यशवंत सिंह, अशोक गुप्ता अचानक, राजेश सिंह राज, इन्दू सिन्हा, ललिता नारायणी, के पी गिरी, डा. अर्चना पाण्डेय, अन्नपूर्णा मालवीय, डा. रवि मिश्रा, रेनू मिश्रा, रंजीता समृद्धि, रवि शंकर विद्यार्थी, डा. पूर्णिमा मालवीय, अर्चना जायसवाल, केशव सक्सेना, विपिन दिलकश आदि कवि कवयित्रियों ने शिरकत की।


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