एक पल में ही पराया कर दिया
जो नहीं करना था वैसा कर दिया !
प्यार को दुनिया में रुसवा कर दिया !
उम्र भर को दी तड़पने की सजा !
बे-वफा तू ने सितम क्या कर दिया !
रिश्ता-ए-उल्फत को उसने तोड़कर !
एक पल में ही पराया कर दिया !
दे के मुझको गम अलम रुसवाईयाँ !
जिन्दगी को यूँ तमाशा कर दिया !
दर्द-ए-दिल तन्हाई आँसू और तड़प !
इश्क ने इन सब को मेरा कर दिया !
नफरतें दिल में जगीं कुछ इस तरह !
सर्द जज्बों को शरारा कर दिया !
खुशनुमा बेहतर ‘कशिश’ थी जिन्दगी !
आशिकी ने गम का मारा कर दिया !