ज्योेतिषः मकतूल की कुंडली बताये कातिल का नाम

वैदिक ज्योतिष एवं प्राच्य विद्या शोध संस्थान  लखनऊ के अध्यक्ष डा. डी. एस. परिहार ने एक प्रेस नोट जारी करते हुये दावा किया कि उनकी संस्था के एस्ट्रोलाॅजर्स की टीम ने फाॅरेन्सिक एस्ट्रोलाॅजी (ज्योतिष द्वारा अपराध अन्वेषण) के क्षेत्र मे एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। उनकी टीम ने ज्योतिष मे एक ऐसे सूत्र की खोज की है। जिसके द्वारा किसी कत्ल हुये जमंाक से उसके कातिल के नाम का स्पष्ट ज्ञान हो जाता है। श्री परिहार ने बताया कि इस सूत्र से कातिल के नाम के प्रथम अक्षर का ज्ञान होता है। श्री परिहार ने बताया कि उनकी पांच सदस्यीय टीम ने पूर्व जज श्री एल.बी. उपाध्याय की अध्यक्षता मे इस विषय पर सात से अधिक महीनों तक शोध किया उक्त सूत्र को 46 जमांकों पर परिक्षण किया और सभी जमांको पर यह सूत्र साफ फीसदी सही साबित हुआ उस सूत्र को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, मधुमिता शुक्ला, शाीना बोरा, फूलन देवी, आरूषी तलवार, अमरीकी प्रेसीडेंट जाॅन एफ केनेडी और अब्राहम लिंकन, क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद,  महर्षि दयानन्द, लाला लाजपत राय, आगरा के सुरेश वर्मा केस आदि पर आजमाया है टीम मे श्री तिवारी, श्री एस. शर्मा, तथा श्री कनौजिया शामिल थे विषय की जटिलता को देखते हुये टीम के सदस्यों ने सूत्र को दो कारणों से गुप्त रखने का फैसला किया पहला किसी हत्यारे का नाम उजागर करने से हत्यारा ज्योतिष पर जानलेवा हमला कर सकता है। दूसरे कुछ धूर्त ज्योतिषी इसका दुरूपयोग करके जनता का मनचाहा पैसा धन दोहन कर सकते है। जबकि संस्थान का जंम जनसेवा के लिये किया गया है। कुछ अति विशिष्ठ परिस्थितियो मे इसका उपयोग टीम द्वारा टीम के पांचो सदस्यों की सहमति से किया जा सकता है। सदस्यों ने गोपनीयता की शपथ ली।


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