गोरी के होने वाले लाल सुनो रे सखियां
महिला काव्य मंच प्रयागराज ईकाई की मासिक आनलाइन काव्य गोष्ठी महिला काव्य मंच प्रयागराज ईकाई की अध्यक्ष रचना सक्सेना के संयोजन में महिला काव्य मंच पूर्वी उत्तर प्रदेश की अध्यक्षा मंजू पाण्डेय की अध्यक्षता में वाट्सऐप द्वारा सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई। संचालन मंच की महासचिव वरिष्ठ अधिवक्ता एवं रंगकर्मी ऋतन्धरा मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती को मालार्पण करने के पश्चात संतोष मिश्रा दामिनी की वाणी वंदना से हुआ।
मंच की सभी कवयित्री बहनों ने अपनी सुन्दर रचनाओं से मंच को गुंजायमान किया। काव्य गोष्ठी में महक जौनपुरी, कविता उपाध्याय, डॉ नीलिमा मिश्रा, रचना सक्सेना, रेनू मिश्रा, जया मोहन, ललिता पाठक, ऋतम्भरा मिश्रा, सुमन दुगगल, नीना मोहन, मीरा सिन्हा, उमा सहाय, इंदू बाला, मंजू निगम, स्नेह उपाध्याय, शिवानी मिश्रा, अरविना गहलोत, डॉ अर्चना पांडेय, उपासना पांडेय, गीता सिंह, अन्नपूर्णा मालवीय, डॉ सुनीता श्रीवास्तव आदि शामिल रही।
सखी सुन बहती मस्त बयार..३...
संतोष मिश्रा दामिनी ने खूबसूरत पंक्तियां प्रस्तुत की
शिवानी मिश्रा ने ...
वह नारी है वह नारी है रचना प्रस्तुत की
दिल को चीर कर लिख दूं फसाना तुम जो कह दो तो..
स्नेहा उपाध्याय ने मन विभोर किया.....
आन तिरंगा जान तिरंगा हम सबका पहचान तिरंगा’
इंदु सिन्हा जी की प्रभावशाली पंक्तियां ....
हिंदी है भाव मेरी हिंदी पहचान मेरी हिंदी हो राष्ट्रभाषा हिंदी है मां मेरी
श्रतंधरा मिश्रा ने पंक्तियों को सुनाकर वाहवाही लूटी...
गोरी के होने वाले लाल सुनो रे सखियां
मीरा जी की खूबसूरत पंक्तियों ने माहौल खूबसूरत बनाया.....
गंगा जी प्यारी है भाषा हमारी है डॉ अर्चना पांडे की पंक्तियों ने माहौल गुंजायमान किया....
अश्रु पथ से आज तक वेदना की प्याली में रचना सक्सेना जी की बहुत ही प्रभावशाली पंक्तियां ने एक अलग छाप छोड़ी....
हृदय भारत देश जता है लहू में वीर रस बहता है रेनू मिश्रा ने देश भक्तों पर रचना प्रस्तुत की तो आगाज तो होता है मगर अंजाम नहीं होता नीना मोहन ने खूबसूरत गजल को अंजाम दिया और इसी क्रम में जया दीदी ने जिंदगी महज एक तमाशा है पर प्रकाश डाला क्योंकि मैं हाउस वाइफ हूं गीता जी ने समस्त नारी की वेदना प्रस्तुत की। और अंत में कार्यक्रम के पश्चात ललिता पाठक नारायणी ने आभार ज्ञापन किया।