स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर की भी जांची जाएगी सेहत

कोरोना महामारी के समय में  स्वास्थय कर्मी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं | ऐसे में स्वास्थ्य  विभाग  उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 2 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के मध्य “फिट हेल्थ वर्कर अभियान” चला रहा है | इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने जिले के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं | 





इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेन्द्र सिंह ने बताया- जिले के सभी स्वास्थ्य  कर्मियों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य  कर्मियों जैसे-आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि का गैर संचारी रोगों जैसे तीन तरह के कैंसर- ओरल, सर्विक्स और ब्रेस्ट, डायबिटीज एवं हाइपरटेंशन की जांच की जा रही है |  इस अभियान के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, स्टाफ नर्स, लैब टैक्नीशियन, चिकित्साधिकारियों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ-साथ शहरी स्थानीय निकायों के सभी स्वच्छता कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की जांच सम्बंधित जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर एवं उपकेंद्रों पर की जा रही है | यह जांच आयुष्मान भारत  के तहत बिना किसी शुल्क के होगी |  कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी स्वास्थ्य  कर्मियों को “फिट हेल्थ वर्कर” का सर्टिफिकेट भी दिए जायेंगे | इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बैनर पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है | 

जिला स्वास्थय शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डीएस अस्थाना ने बताया- अभी तक 41 आशा/ आशा फेसिलिटेटर, 23 चिकित्साधिकारियों, 19 एएनएम, 24 नर्सेस, 9 लैब टैक्नीशियन, 5 फार्मासिस्ट, 32 कम्युनिटी हेल्थ वर्कर, 5 सपोर्ट स्टाफ/ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी /स्वच्छता कर्मियों, 16 शहरी स्थानीय निकायों के स्वच्छता कर्मियों/ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की स्वास्थ्य की जाँच की गयी है जिसमें 2 एएनएम, 2 सपोर्ट स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी /स्वच्छता कर्मी और 3 चिकित्साधिकारी गैर संचारी रोगों से ग्रसित मिले जिन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी गयी है |

 

 




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