माँ के स्नेह का कोई मूल्य नहीं होता हैं

माता-पिता, बुजुर्गो के प्रति सेवा, आदर व सम्मान प्रकट करने से आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच, राष्ट्रीय एकता, अखण्डता को बलवती करने का बल मिलता है। समाज सेवी माताश्री निरंजनी श्रीवास्तव पत्नी हरीश चन्द्र श्रीवास्तव ने अपने सीमित संसाधनो से परिवार व समाज के लोगो को विपत्तियों में आगे बढ़ने की पे्ररणा दी। माँ के स्नेह का कोई मूल्य नहीं होता हैं। जीवन और मृत्यु के सफर के बीच में किये गये कार्य ही व्यक्तित्व स्थापित करते है। महत्वपूर्ण यह नही है कि जिन्दगी में कितने खुश हम है बल्कि यह है कि आपके व्यवहार से कितने लोग खुश है। आज के सामाजिक परिवेश में जब मानवीय मूल्य गौड़ होते जा रहे है ऐसे में मानवीय मूल्यो की सुरक्षा सुढ़ता के लिए बुजुर्गो के विचारो व क्रिया-कलापो को आत्मसात करना जरूरी है। यह विचार पत्रकार हिमांशु श्रीवास्तव की माताश्री निरंजनी श्रीवास्तव पत्नी हरीश चन्द्र श्रीवास्तव की स्मृति में 92 फिरोज गांधी कालोनी में आयोजित एक कार्यक्रम में सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार द्वारा माताश्री निरंजनी श्रीवास्तव के चित्र पर पुष्प व श्रद्धासुमन अर्पित करने के उपरान्त व्यक्त किये गये।
माताश्री निरंजनी श्रीवास्तव के चित्र पर नगर पालिका अध्यक्ष पति व प्रतिनिधि मुकेश श्रीवास्तव, मान्यता प्राप्त पत्रकार हिमांशु श्रीवास्तव, संजय मौर्या, संजय सिंह, राधे श्याल लाल कर्ण, आनन्द कर्ण, हरीश चन्द्र श्रीवास्तव, सुरेश चन्द्र, हिमांशु, प्रभांशु श्रीवास्तव, शशीकांत शर्मा, डा0 ब्रजेश सिंह, डा0 मनीष चैहान, जिला चिकित्सक अधीक्षक डा0 ए0के0 श्रीवास्तव, वीरेन्द्र यादव, सुनीता श्रीवास्तव, विमलेश यादव, अक्षय मिश्रा, आदि ने भी श्रद्धासुमन अर्पित कर आदि ने बड़े बुर्जर्गो को सम्मान देने के साथ ही माताश्री निरंजनी श्रीवास्तव के बताये गये रास्तों पर चलने का आहवान किया। इस मौके पर समाज सेवी गणमान्यजन आदि उपस्थित थे।


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