एकलव्य समाज पार्टी निषाद बाहुल्य 169 सीटों पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ेगी
एकलव्य समाज पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस दारूलसफा बी ब्लॉक के कॉमन
हॉल में कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि स्वं जे.आर. निषाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष एकलव्य समाज पार्टी की लम्बी बीमारी से निधन हो जाने के बाद पार्टी ने श्री चंद्रशेखर निषाद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है।प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चंद्रशेखर निषाद ने आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि देश जब से आजाद हुआ है तब से देश व प्रदेश में बहुत ही सरकार आई परंतु निषाद समाज का उत्थान के लिए किसी भी पार्टी की सरकार द्वारा ठोस कदम नहीं उठाया। निषाद समाज का शोषण ही किया गया है निषादों की वर्षों पुरानी मांग उत्तर प्रदेश की 17 अति पिछड़ी जातियां निषाद, कश्यप,केवट, बिंद आदि को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की घोषणा 18 सितंबर 2001 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सहकारिता सभागार, लखनऊ में की थी परंतु उक्त समाज की मांग को भाजपा द्वारा पूरा नहीं किया गया चूंकि केंद्र में विगत 7 वर्षों से व प्रदेश में विगत 4.5 वर्षों से भाजपा की सरकार है यदि सरकार की मंशा निषाद समाज को आरक्षण देने की होती तो उत्तर प्रदेश सरकार प्रस्ताव भेजकर केंद्र सरकार से आसानी से निषाद समाज को अनसूचित जाति में शामिल करा सकती थी परंतु जानबूझकर निषाद आरक्षण की बात को 4.5 वर्षों से उत्तर प्रदेश सरकार ठंडे बस्ते में डाल रखी और अब चुनाव नजदीक आता देख केवल आरक्षण की विसंगतियों
को दूर करने की बातें कहकर समाज को मूर्ख बनाकर धोखा देना चाहती है निषाद समाज का पुश्तैनी पेशा नदी, झील,जलाशय, बालू, मौरंग खनन पट्टा सरकार द्वारा छीन लिया गया है आज पूरे प्रदेश का निषाद समाज आक्रोश में है, जीवन-यापन की गम्भीर समस्या खड़ी है। प्रदेश में अराजकता का माहौल कायम है अपराधी बेखौफ है बहन-बेटियां, साधु-संत तक सुरक्षित नहीं है पुलिस का रवैया पीड़ित पक्ष को ही धमकाने में लगा हुआ है सरकार समाज के मुद्दों को हल करने में विश्वास नहीं रखती। सरकार निषाद समाज के दो-एक ब्रोकर जो समाज की ठगी दलाली का कार्य करते हैं तथाकथित लोगों को मंत्री पद का प्रलोभन सरकार द्वारा देकर पूरे समाज को गुमराह करने का काम कर रही है। देश में महंगाई चरम सीमा पर है देश की जनता बेरोजगारी-भुखमरी के दौर से गुजर रही है सरकार द्वारा बड़े-बड़े वादों के सिवाय जनता के हाथ कुछ नहीं लग रहा देश जब से आजाद हुआ है जो सरकार रही उसने ना पढ़ने दिया ना आगे बढ़ने दिया धर्म के नाम पर झगड़ा दंगा अलग करा दिया स्कूलों की बढ़ती फीस पर सरकार मौन है क्योंकि उन्हीं के नेताओं के अधिकांश स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, अवैध काली कमाई से खड़ी हुई है और जनता से उनकी महंगी फीस उगाही करना उनका परम कर्तव्य बन गया है पुस्तकों के मूल्य निर्धारित होनी चाहिए जिससे जनता के बच्चों को कम दाम में किताबे मिल सके व पढ़ सके, चिकित्सा-शिक्षा दोनों ही फ्री होनी चाहिए इसे व्यापार की नजर से देखना पूर्णता गलत है इस पर सरकार को अंकुश लगाना चाहिए परंतु सरकार है कि उन्हीं के साथ खड़ी नजर आती है एकलव्य समाज पार्टी इन्हीं सब मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में निषाद बाहुल्य 169 सीटों पर किसी भी बड़े दल से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी।