मेट्रोमोनियल एस्ट्रोलाजी वाइफ आर लाइफ पार्टनर

- डी. एस. परिहार

इस अजीबो-गरीब और अटपटे शीर्षक वाले और विचित्र विषय पर लेख लिखने का कारण गत दिनों में कार्यालय मे कुछ अजीब सी वैवाहिक समस्याओं से पीड़ित लोगों का आना था तथा कुछ अविवाहित युवक युवतियों का अपनी परिवारिक, आर्थिक, कैरियर और मानसिक स्थितियों के आधार पर भावी वैवाहिक जीवन के बारे में सलाह मांगना, साथ ही विवाह पूर्व लड़के-लड़कियों का शादी को लेकर अपने माता-पिता से गंभीर मतभेद हो जाना प्रमुख कारण है। दरअसल बदलती सभ्यता के दौर में देश मे भारी नई आर्थिक, पारिवारिक, समाजिक परिस्थितियों का जन्म हुआ जिनको नई पीढी और पुरानी पीढ़ी दोनों ही पूर्ण रूप से समझने में नाकाम रहे जिनके कारण नवयुवको युवतियों को अपना जीवन साथी खोजने तथा माता-पिता को दामाद और बहू खोजने मे भारी समस्या हो रही है लोग वाइफ आर लाइफ पार्टनर के अन्तर को समझने मे नाकाम रहे। यह लोग जिस सोच के आधार पर अपना जीवन साथी खोजते है विवाह के बाद उनको ठीक उससे विपरीत परिस्थितियों का सामना करता है जिससे पति-पत्नी के बीच तलाक और सास-बहू के झगड़े और दोनों परिवार के मध्य झगड़े, मुकदमे और एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ लग जाती है। थाना-कचहरी इस समस्या को और गंभीर बना देते है। 15-20 साल तक मुकदमा चलता है दोनों का जीवन नर्क बन जाता है। और मुकदमा का फैसला आने तक दोनांे बूढे हो जाता है। उनका पुर्नविवाह असंभव हो जाता है। लड़कियाँ अपने मायके में बैठ जाती है और अपने भाई-भाभी तथा बहनों के जीवन मे अनावश्यक हस्ताक्षेप पैदा करके या पैतृक जायदाद में हिस्सा मंाग कर गृह कलह पैदा करती है। अपना वैवाहिक जीवन तबाह करके वे भाई-बहनों का वैवाहिक जीवन बर्बाद करने की कोशिश करती है। माता-पिता भी अपने अहंकारवश तथा बेटी-बेटे के मोह मे बेटी को घर बैठाकर इस समस्या को राई से पहाड़ बना कर दुनिया कोसते हुये खुद मर चले जाते है और अपने पुत्र-पुत्रियों का जीवन नर्क बना जाते है। इसका मूल कारण है। कि वर वधु तथा उनके माता पिता अपने परिवार तथा अपनी जरूरतों को समझ ही नही पाते है कन्या या वर उनकी जरूरतो या परिस्थितियों के मुताबिक है भी कि नहीं। नवयुवक केवल लड़की का कैरियर उसकी शारीरिक खूबसूरती और ग्लैमर देखते है लड़कियां भी पति की केवल पोस्ट, मोटी तनख्वाह तथा पर्सनाल्टी देखती और बाद मे धोखा खाती हैं। आइये हम पत्नी और लाइफ पार्टनर के अंतर को समझते है। पत्नी वह होती है जो संयुक्त परिवार मे शादी करके आती है और सास देवर, ननद से निभा कर सास-ससुर की सेवा करती है। आम तौर पर व्यापारी और कृषक परिवार या संयुक्त परिवार के लोग इस तरह की पत्नी ब्याह कर लाते है। ऐसी कन्या धार्मिक और समाजिक मूल्यों और परम्पराओं का पालन करने वाली होती है। गृह कार्य मे कुशल, मेहनती होती है। हमारे पूर्वजों ने इसके निम्न लक्षण बतायें है।

भारतीय ग्रन्थों मे पत्नी के लक्षण-

‘‘कार्येषु मंत्री करमेशु दासी

रूपेषु लक्षमी क्षमया धरित्री।

स्नेहेषु माता शयनेषु वेश्या

शडकर्मनारी कुल धर्म पत्नी।।

कार्य में मंत्री, कर्म मे दासी, रूप मे लक्ष्मी, क्षमा मे पृथ्वी, स्नेह मे माता और शयन मे वेश्या हो हांलाकि उपरोक्त सभी गुण किसी भी महिला मे मिलना असंभव है। क्योंकि संसार मे परमात्मा के सिवाय कोई पूर्ण नही है। कभी-कभी इसमे बेमेल विवाह, पति-पत्नी मे वैचारिक अंतर, रूचियों में अंतर के कारण अनेक गंभीर समस्यायें पैदा हो जाती है।

लाइफ पार्टनर:- जब वर और वधु दोनों अपनी पसंद  से एक ही प्रोफेशन, शारीरिक, मानसिक व वैचारिक समानता के आधार पर विवाह करते है तो वधु पत्नी ना होकर जीवन साथी होती है। इसमे पत्नी मित्र बनकर जीवन बिताती है, इसमे केवल पति, पत्नी और बच्चों के ही सुख-दुःख का ख्याल रखा जाता है। अत्यन्त छोटे परिवार वाले और माता-पिता से दूर रहने वाले जोडे़ ऐसे विवाह करते है यह लव मेरिज और अरेंन्ड मैरिज दोनों रूप मे हो सकते है इसमे सास-ससुर या धार्मिक और समाजिक मूल्यों और परम्पराओं को कोई महत्व नही रहता है केवल अपनी सुविधा का ख्याल रखा जाता है।

अक्सर संयुक्त परिवार मे पली लड़कियां संयुक्त परिवार मे विवाह करती है और उनके मन मे लाइफ पार्टनर वाले जीवन की चाह होती है अतः वे पति से या सास-ससुर से अलग रहने की जिद करके गृह कलह करती है। वर आर्थिक या समाजिक कारणों से अलग नही हो पाता है। उसका वैवाहिक जीवन नरक बन जाता है लड़कियां शादी के पूर्व वर पसंद करते समय इस बात को समझ ही नही पाती है। शादी के बाद इस बात को उन्हें अहसास होता है। उनका मन कभी भी पत्नी के रूप को स्वीकार नही कर पाता है।

पत्नी के ज्योतिष लक्षण:- यदि कन्या के जंमाक मे लग्न में चन्द्रमा व बुध हो तो वह बुद्धिमान व दयालु व घरेलू स्वभाव की व ललित कलाओं मे निपुण होती है।

2. यदि जमंाक लग्न में शुक्र बुध युति हो या लग्नेश शुक्र, बुध हो तो वह बुद्धिमान व गृहलक्ष्मी होगी।

3. यदि जमंाक लग्न में शुक्र बुध युति हो या लग्नेश शुक्र, बुध हो तो वह बुद्धिमान व गृह लक्ष्मी होगी।

4. यदि लग्न व चन्द्रमा सम राशि मे हो तो कन्या मे स्त्रियोचित गुण, गृह लक्षमी, मीठी वाणी व सुन्दर आकृति हो । 

5. लग्न, चन्द्र शुक्र या बुध से द्वितीय भाव मे शुभ ग्रह गुरू, चन्द्र, बुध शुक्र हो या इनकी दृष्टि हो तो जातिका विनम्र, घरेलू, धार्मिक, मधुर, मीठी वाणी बोलेगी

6. द्वितीय भाव मे चन्द्रमा या शुक्र या इनकी युति या इनमे से एक ग्रह लग्न मे हो और दूसरे ग्रह की युति हो बड़ी व सुन्दर आँखे, सफेद या पीली पुतली हो। यदि द्वितीयेश भी द्वितीय भाव मे हो हंसमुख, पतिव्रता ,सौभाग्य कमल के समान मोहनी व गृह लक्ष्मी हो।

7. स्त्री जातक मंे यदि 3, 11 भाव मे शुक्र व चन्द्रमा की युति या दृष्टि हो तो जातिका की गर्दन शंखाकर, सुन्दर हो। यदि उपरोक्त स्थानो पर बुध-चन्द्र की युति या दृष्टि हो तो जातिका की गर्दन पर आकर्षक धारियां हो वह समाजिक व गृह लक्ष्मी हो। यदि 12 वें भाव में उच्च का चन्दमा हो तो तलवे मे कमल का चिन्ह हो।

यदि 12 वे भाव मे चन्द्र हो तो तलवे मे मछली का चिन्ह हो। 12 वें भाव में चन्द्र- शुक्र की युति या एक ग्रह बैठा हो और उसे दूसरा ग्रह देखता हो पैर सुन्दर, नरम व चिकने हो जो गृहकार्य मे दक्ष होगी 

ज्योतिषी मनुभाई शाह ने अपनी पुस्तक ए बुक आॅफ करेक्ट प्रैडिक्शन मे लिखा है कि स्त्री जंमाक में लग्न मे चन्द्र, गुरू, शुक्र या बुध हो या लग्नेश कर्क, सिंह, धनु, मीन, वृष, तुला, मिथुन, कन्या मे हो तो जातिका सुन्दर सुशील होगी या लग्न मे वृष, तुला, कर्क, सिंह, धनु, मीन, मिथुन, कन्या राशि हो तो जातिका सुन्दर सुशील होगी यदि प्रथम भाव से सूर्य, चन्द्र, गुरू, शुक्र या बुध का संबध हो तो जातिका सुन्दर व सुशील होगी। 7 वें भाव मे बुध शु़क्र, चन्द्र हो तो स्त्री मे।  

लाइफ पार्टनर के ग्रह योग:-

1. यदि मंगल की राशि मे बुध या बुघ की राशि मे मंगल हो या मंगल बुघ की युति हो या मंगल व 

बुध मे राशि परिवर्तन हो तो जातिका पत्नी नही  लाइफ पार्टनर बनेगी।

2. यदि जमांक मे शुक्र बुध की युति या यह दोनो परस्पर त्रिकोण मे या यह दोनो 2/12 भाव मे हो तो जातिका लाइफ पार्टनर बनेगी।

3. यदि जमांक मे शुक्र शनि की युति या यह दोनों परस्पर त्रिकोण मे या दोनो 2/12 भाव मे हो तो जातिका लाइफ पार्टनर बनेगी या शुक्र पर शनि की दृष्टि हो तो जातिका लाइफ पार्टनर बनेगी। 

4. यदि लग्न या 7 वें भाव मे शनि या राहू या मंगल हो जातिका लाइफ पार्टनर बनेगी। 

5. शनि यदि मेष, वृष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर, कंुभ मे हो हो तो जातिका लाइफ पार्टनर बनेगी।

6. मिथुन, कन्या मे शनि हो तो जातिका लाइफ पार्टनर बनेगी।

पूर्ण रूप से लाइफ पार्टनर के गुण कम ही महिलाओं मे पाये जाते है। अधिकांशतः भारतीय महिलाओं मे कमोबेश दोनों गुण पाये जाते है। वे सर्विस के साथ घर भी संभालती है। यदि वर-वधु विवाह पूर्व इस पहलु पर भी विचार कर ले तो काफी हद तक विवाहोपरान्त उत्पन्न समस्यायों से बचा जा सकता है।


 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जन्म कुंडली में वेश्यावृति के योग

पक्षी आपका भाग्य बदले

भृगु संहिता के उपचार