9 देशों के बाल प्रतिनिधियों ने विश्व संस्कृतिकी झलक दिखाई
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ की मेजबानी में आयोजित ‘28वें अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर का उद्घाटन सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में हुआ। मुख्य अतिथि, श्री सूर्यपाल गंगवार, जिलाधिकारी, लखनऊ ने दीप प्रज्वलित कर अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर का विधिवत् उद्घाटन किया। इस अवसर पर ब्राजील, फिनलैण्ड, जर्मनी, इटली, जापान, मंगोलिया, मैक्सिको, स्वीडन एवं भारत के बाल प्रतिनिधियों ने शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को साकार किया एवं विश्व एकता व विश्व शान्ति का संदेश सारे विश्व में प्रवाहित किया अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सूर्यपाल गंगवार, आई.ए.एस., जिलाधिकारी, लखनऊ ने कहा कि विभिन्नता में एकता दर्शाता यह बाल शिविर वास्तव में सराहनीय है, जिसमें विभिन्न देशों के बच्चे साथ-साथ रह रहे हैं। शिविर के माध्यम से विभिन्न देशों के बच्चों के बीच गहरा आत्मीय रिश्ता कायम होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये नन्हें मेहमान पूरे विश्व को अपनी विश्वव्यापी सोच से आलोकित करेंगे। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व सी.आई.एस.वी. इण्डिया के प्रेसीडेन्ट डा. जगदीश गाँधी ने मुख्य अतिथि व विभिन्न देशों से पधारे बाल प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह बाल शिविर अपने आप में एक लघु विश्व की झलक है। यहाँ विभिन्न देशों के बच्चे एक माह तक साथ-साथ रहकर दोस्ती व सद्भाव की जो शिक्षा प्राप्त करेंगे, वह पूरी जिन्दगी उनके साथ रहेगी।
सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर विभिन्न देशों के बच्चों के बीच आपसी समझ को बढ़ायेगा और उन्हें एकता, शान्ति व भाईचारे के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा। अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर की ज्वाइंट सेक्रेटरी एवं सी.एम.एस. राजाजीपुरम (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती निशा पाण्डेय ने कहा कि विभिन्न संस्कृति व रीति-रिवाज में पले-बढ़े नन्हें-मुन्हें बच्चों को एक साथ एक ही छत के नीचे इकट्ठे रखे जाने का उद्देश्य उनके कोमल हृदयों में आपसी भाईचारा, विश्व शांति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का समावेश करना है। विदित हो कि सी.एम.एस. की मेजबानी में अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर का आयोजन 28 दिसम्बर 2022 से 19 जनवरी 2023 तक किया जा रहा है, जिसमें 9 देशों से पधारे 11 से 12 वर्ष आयु के चार-चार बच्चों के दल अपने ग्रुप लीडर के नेतृत्व में प्रतिभाग कर रहे हैं।