हज़रत ज़हरा की ज़िन्दगी ख्वातीन के लियये नमूना ए अमल है- मौलाना दानिश नकवी


खुदा के रसूल मोहम्मद साहब की बेटी हजरत अली की जौजा जवानाने जन्नत के सरदारों इमाम हसन, हुसैन की वालिदा हजरत फ़ातिमा ज़हरा की शहादत के रोज़ चल रहे हैं, हजरत फातिमा की शहादत का गम मनाने के लिये दुनिया में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर हजरत फातिमा की जिन्दगी, सीरत, पर रोशनी डालकर याद किया जा रहा है, इसी सिलसिले से शहर रायबरेली में भी अज़ाये फातिमा के उनवान से मजलिसें बरपा की जा रही है, शहर के गुलाब रोड स्थित कौमी इमाम बारगाह में रविवार की रात दूसरी मजलिस बरपा हुई जिसको इमाम जुमा मौलाना सैयद दानिश नक़वी फतेहपुर ने खिताब फरमाया मजलिस का आगाज सोज़ खेवानी से जनाब सिकन्दर जै़दी साहब ने किया उसके बाद ज़ायर हुसैन रिजवी ने स्वरचित शेर हजरत जहरा की शान में पेश किये बाद पेश ख्वानी मौलाना दानिश ने अपने बयान के जरिये बीबी ज़हरा की जिन्दगी उनकी तकलीफो अमल पर जिक्र करते हुए फरमाया कि हजरत फातिमा ज़हरा की मुकम्मल ज़िन्दगी हर तरह से आइडियल ज़िन्दगी है, एक ऐसी बेटी जिसके पिता खुदा के रसूल भी देखते ही खड़े हो जाती थी और अपनी जगह पर बैठाते थे, ऐसी पुत्री ऐसी जै़जा जिसने अपनी पूर्ण जिन्दगी अपने शौहर हजरत अली से कभी कोई फरमाईश नहीं की माँ जिसने अपने बच्चों को वो तरवियत दी कि आज दुनिया हजरत इमाम हसन व हुसैन की कुर्बानियों पर निसार है। मौलाना ने कहा कि वो पाक पाकीज़ा बीबी की ज़ात है जिन्हें बचपन से ही तकलीफों का सामना करना पड़ा खुदा के रसूल की आँख बन्द होते ही जुल्म बढने लगे, मौलाना ने फरमाया कि बीबी सादगी की मिसाल थी दिन रात इबादत में मशगूल रहती थी अपनी ज़िन्दगी के आखिरी दिनांे में वसीयत करते हुए हजरत अली से फरमाया कि जिन लोगों ने मेरे साथ नाइन्साफी की है उन्हें मेरे जनाज़े में न आने दिया जाय और मेरे जनाज़े को रात के अंधेरे में दफन किया जाये। फातिमा ज़हरा ने अपनी जिन्दगी में बहुत अत्याचार सहन किये टूटी हुई पसलियों के साथ अपने वालिद के पास जाने के लिये पर्दा कर गयी। मसायब सुन कर मौजूद अज़ादारों की आँखें नम हो गयी और वाद मजलिस सभी ने मातम कर बीबी फात्मा ज़हरा की शहादत पर पुरसा पेश किया।

मजलिस में मुख्य रूप से इकराम मेंहदी, शाहिद अली नक़वी, वसी अज़हर नकवी, अकबर अली मीसम रसूल पुरी सरवर अली, इमरान रजा, शाहनवाज नकवी, रजी हैदर, मजाहिर हसनैन, मुजाहिद हुसैन, नजर अली जैदी, जुहा रिजवी, अलमदार हुसैन, राशिद नक़वी जफर नसीराबादी, मुनव्वर अब्बास, अख्तर रायबरेलवी, जमन रसूलपुरी, जैन अब्बास, हसन मुर्तजा, मो0 अली, हुसैन अब्बास, शावेज़़ अली, मेराज काज़मी, दानिश जाफरी, ताज नकवी, शाकिर हुसैन, नासिर हुसैन, सादिक मेंहदी, सज्जाद मोमिन, जफ़र, हमजा रिजवी, मेराज रिजवी, नसीम रिजवी, शमीम रिजवी, सहित बड़ी तादाद में अजा़दार मौजूद रहे।



 

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