राष्ट्र की आन बान शान तिरंगा, मेले में आये परमवीर चक्र विजेता, 25 शहीद परिवारों को किया गया सम्मानित
- पवन उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार
जनपद आजमगढ़ के अंजान शहीद में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहीद मेले का आयोजन किया गया। कारगिल शहीद रामसमुझ यादव की यादव में 2000 से लगने वाला इस मेले में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार ने कहा, भारत को लड़ने की आवश्यकता क्यों पड़ी। भारत ने कभी भी आक्रमण नहीं किया लेकिन भारत पर जब-जब आक्रमण हुआ मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना घुसना भी जानती है और निकलना भी जानती है। शहीद मेला में पूर्वांचल के कुल 25 शहीद परिवारों को अंग वस्त्रम एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कारगिल योद्धा दीपचंद ने कहा, आप लोग कभी जिंदा सैनिकों को सम्मान दे सकते हो क्या। कम ही सैनिक मिलते है जो सैनिकों की कहानी सुना सके। हमारे लिए सरकार का मतलब नहीं है। हमारे लिए राष्ट्र की आन बान शान तिरंगा। शहीदों को आज क्या सम्मान मिल रहा है। जब हम रिटायर होकर जाते हैं तो सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिलती है। शहीद परिवारों को जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है। इस कार्यक्रम के दौरान कहरवा, धोबिया नृत्य की और छात्रों द्वारा बेहतरीन एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई।
शहीद मेला कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परमवीर चक्र विजेता राइफल मैन सूबेदार संजय कुमार ने कहा, आज मेले में जो कुछ देखा वह अनोखा है। पूरे देश में शहिदों का मेला भाई द्वारा लगाना यह आजमगढ की मिट्टी में ही है जो एक भाई कर रहा है जो पूरे देश मे नहीं है। जिन शहीदों ने श्रद्धांजलि दी है उन शहीदों का सम्मान होना चाहिए। वह सैनिक जब अपना सर्वत्र न्योछावर करता है तो उसके जनाजे में नेता प्रशासन तो आते है पर बाद में सब भूल जाते है। सैनिक परिवार का जो दर्द है वह परिवार आजीवन सहन करता है। मेरे साथ भी कई सैनिक शहीद हुए पर इस तरह का सम्मान जो एक भाई द्वारा किया जा रहा है वह आज तक नही देखा। इस तरह का सम्मान आने वाले समय मे प्रेरणा का काम करेगा। आजमगढ़ में इस स्थान से पूरे देश मे जो सन्देश देने की जो पहल की है वह एक मिसाल है। कहा कि आप एक मुट्ठी में जब तक हो कोई आप को तोड़ नही सकता।