मुसलमानों को डिस्पोजल की तरह किया जाता इस्तेमाल
जनपद आजमगढ़ में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने पूर्वांचल के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस समीक्षा बैठक में पूर्वांचल के जिन जिलों में संगठन कमजोर है, उस पर चर्चा की गई। इसके साथ ही सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाने को कहा गया है। जिससे पार्टी का संगठन मजबूत हो और आने वाले चुनाव में इसका फायदा भी पार्टी को मिल सके।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा, हमें राजनीति में अछूत समझा जाता है। मुसलमानों को डिस्पोजल ग्लास की तरह इस्तेमाल किया जाता है। हम लोगों को न एनडीए में शामिल किया गया और न ही इंडिया में। ऐसे में थर्ड फ्रंट की गुंजाइस बन रही है। विपक्ष के इंडिया गठबंधन पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, बसपा के बगैर कोई एलाएंस सफल नहीं होगा। बसपा को इग्नोर करना सबसे बड़ी बेवकूफी होगी। उन्होंने कहा, मुसलमान वोटों को बेवा का माल समझा जाता है। हर कोई समझता है कि हमारा माल है, जब चाहा इस्तेमाल कर लिया। इसका उदाहरण सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट है। जिसमें कहा गया कि मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है। मुजफ्फरनगर के स्कूल प्रकरण में शौकत अली ने कहा कि उस शिक्षक को जेल जाना चाहिए और अब तक वहां पर बाबा का बुलडोजर पहुंच जाना चाहिए था। आज हम लोग नाइंसाफी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनके अंदर वह ताकत ही नहीं है कि वह भाजपा को रोक पाए।