संगीत चिकित्सा का ज्योतिष से संबध है
- डी.एस. परिहार
सभी भारतीय विद्यायें भारतीय अध्यात्म का ही विस्तार है। अतः उनकी जड़े आपस मे जुड़ी हुयी है। भारतीय ज्योतिष आयुर्वेद तथा संगीत आदि विद्यायें एक ही अध्यात्म विद्या के अंग है। अतः उनमे आपस मे गहरा सम्बध है। जैसे आयुर्वेद संगीत दक्षिण भारत के सुप्रिसद्ध संगीताकार मधुस्वामी दीक्षितार पे संगीत के सात स्वरों से ज्योतिष के सात ग्रहों का संबध जोड़ा है। उनके अनुसार सरगम का स स्वर सूर्य रे बुध का ग शनि का म शुक्र प चन्द्र का ध मंगल का नि गुरू का स्वर है।
उनके अनुसार निम्न रोग निम्न ग्रहों से संबधित है।
1. सूर्य:- राग सौराष्ट्र समय- प्रातःकाल। चन्द्रमा राग असावरी समय दिन का द्वितीय पहर। मंगल राग संरति।
बुध राग नट कुरंजनी। गुरू राग अडाना। रात्रि तृतीय पहर। शुक्र राग परज रात्रि का अंतिम पहर। शनि यदुकुल कंबोजी भैरवी। संगीत विद्या मंत्र विद्या की ही पूरक है। विभिन्न लग्नों तथा चन्द्र राशि के लिये निम्न राग लाभकारी है। विभिन्न राग विभिन्न राशियों ओर नक्षत्रों के स्वामी होते है। जो विभिन्न नक्षत्रों व राशियों मे पैदा हुये जातकों पर खासा प्रभव डालते है जिसकी तालिका नीेचे दी गई है।
1. मेष या वृश्चिक लग्न या राशि वालों को हमीर कालिगड़ा, सोहनी जौनपुरी हिडौल, देशकार रामकली तोड़ी आसावरी बिलवाल राग शुभ फल देते है। भूपाली शुद्ध कल्याण भी लाभ कारी है। इन जातकों केा विहाग और वृन्दावनी सारंग महा अशुभ फल देते है।
2. वृष या तृला लग्न या राशि वालों को केदारा बागेश्वरी भीम पलासी ललित मालकौस मल्हार बहार भेरवी राग शुभ फल देते है। इन जातकों केा भूपाली शंकरा और देशकार महा अशुभ फल देते है।
3. मिथुन या कन्या लग्न या राशि वालों को देस कामोद श्री वृन्दावनी सारंग जय जय वन्ती दरबारी मारवा राग शुभ फल देते है। कामेद छायानट, रामकली पूरिया घनाश्री भैरव भी लाभ देते है। इन जातकों केा हिंडोल केदारा और मालकोस महा अशुभ फल देते है।
4. कर्क लग्न या राशि वालों को राग हमीर, कामेद छायानट, रामकली पूरिया घनाश्री देश कामेद श्री वृन्दावनी सारंगी जय जय वन्ती बसन्त मल्हार दरबारी अडाना राग शुभ फल इेते है। इन जातकों केा भूपाली शंकरा और देशकार महा अशुभ फल देते है। इन जातकों को मालकोस सोहिनी हिंडोेेेेेेेेेल पूरिया और ललित महा अशुभ फल देते है। और देशकार महा अशुभ फल देते है।
5. सिंह लग्न या राशि वालों को राग बसन्त मल्हार अडाना बागेश्वरी भीम पलासी ललित मालकौस मल्हार बहार भेरव राग शुभ फल देते है। इन जातकों को भूपाली शंकरा और देशकार महा अशुभ फल देते है। इन जातकों को किसी भी राग से अशुभ फल नही मिलता है।
6. धनु या मीन लग्न या राशि वालों को विहाग, पीलू शंकरा पूरिया यमन खमाज राग शुभ फल देते है। इन जातकों केा देशकार भूपाली महा अशुभ फल देते है।
7. मकर या कुम्भ लग्न या राशि वालों को भूपाली शंकरा पीलू शुद्ध कल्याण, हिडौल, देशकार पूरिया तोड़ी आसावरी शुभ फल इेते है। इन जातकों केा और वृन्दावनी सारंग महा अशुभ फल देते हीै।
पंचमेश के आधार पर उपचार:-
ज्योतिष शास्त्र के सिद्धान्तों के अनुसार पंचमेश पुण्य कारक है पंचमेश की पूजन या शांति करने से जातक को रोग शत्रु बाधा ऋण की समस्या विवाह विघटन आदि मे लोभ प्राप्त होता है। विद्वानों के अनुसार पंचमेश के प्रिय रागों के सुनने से मानसिक रोगा मे लोभ होता है।
1. यदि पंचमेश सूर्य हो तो बसन्त मल्हार बागेश्वरी भीम पलासी ललित काफी मल्हार बहार भेरवी राग शुभ फल देते हैं।
2. यदि पंचमेश चन्द्र हो तो बसन्त मल्हार हमीर, देस कामेद जय जय वन्ती बसन्त मल्हार दरबारी अडाना काफी बागेश्वरी भीम पलासी ललित काफी मल्हार बहार भैरवी राग शुभ फल देते हैं।
3. यदि पंचमेश मंगल हो तो बसन्त मल्हार हमीर, देस कामेद जय जय वन्ती बसन्त मल्हार दरबारी अडाना काफी बागेश्वरी भीम पलासी ललित काफी मल्हार बहार भेरवी राग शुभ फल देते हैं।
शुच ग्रह का राग श्री शाम को मौसम मे गाया जाता है जिसके गुण प्रेम और हल्कापन प्रफुल्लता है। राग भैरवी शनि व समझदारी का रोग है। जो शुद्ध प्रेम व धर्म का कारक है।
दोनों जातक के शूक्ष्म शरीर का उपचार करते है। जो भावनाओं से र्नििर्मत होता है। कई बीमारियों का इलाज अब सिर्फ दवाइयों से नहीं, बल्कि संगीत द्वारा भी किया जाने लगा है। विभिन्न रोगों के लिये संगीतज्ञों एवं संगीत चिकित्सकों तथा मनोवैज्ञानिकों ने कुछ राग निश्चित किये हैं, जो उन रोगों को दूर करने में सहायक सिद्ध हुये हैं, कुछ उदाहरण इस प्रकार है:-
त्रिदोष नाशक- राग शंकर।
हृदय रोग राग दरबारी और राग सारंग राग भेरवी, राग शिवरजनी रो अीिहल्य बिलावल, संगीत. साज हो तुम आवाज हूं मैं.., जिंदगी आज मेरे नाम शर्माती है.., मनमोहना बड़े झूठे हैं.. जैसे संगीत को सुनने से फायदा होता है।
1. हृदय रोग इस रोग मे राग दरबारी व राग सारंग से संबन्धित संगीत सुनना लाभदायक है, इनसे संबन्धित फिल्मी गीत निम्न हैं- तोरा मन दर्पण कहलाए (काजल), राधिके तूने बंसरी चुराई (बेटी बेटे), झनक-झनक तोरी बाजे पायलिया (मेरे हुजूर), बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम (साजन), जादूगर सइयां छोड़ मोरी (फाल्गुन), ओ दुनिया के रखवाले (बैजू बावरा), मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये (मुगले आजम ) मध्यम सितार वादन से फायदा होता है, तेज संगीत न सुनें।
हाई बी.पी.:- बागेश्वरी, राग हिंडोल, राग पूरिया राग कौसी कानड़।
हाई दीपक एसिडिटी अल्सर पाईल्स घाव गर्मी दर्द मे इस रोग के होने पर राग खमाज राग मारपा राग दीपक राग कलावती सुनने से लाभ मिलता है।
पित्त रोग इसके लिए राग खमाज सुनना चाहिए। खासतौर पर पानी, हवा, प्राकृतिक ध्वनियों की स्वर लहरियां सुनने से फायदा होता है। इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं
1. ओ रब्बा कोई तो बताए प्यार (संगीत)
2. आयो कहां से घनश्याम (बुड्ढा मिल गया)
3. छूकर मेरे मन को (याराना)
4. कैसे बीते दिन कैसे बीती रतिया (ठुमरी-अनुराधा)
5. तकदीर का फसाना गाकर किसे सुनाये (सेहरा), रहते थे कभी जिनके दिल मे (ममता), हमने तुमसे प्यार किया हैं इतना (दूल्हा दुल्हन), तुम कमसिन हो नादां हो (आई मिलन की बेला)
याददाश्त जिनकी याददाश्त कम हो रही है, उन्हें राग शिवरंजनी सुनना चाहिए। इसको वीणा वादन और बांसुरी की आवाज सुनने से ज्यादा फायदा होता है। जैसे-आवाज देके हमें तुम.., जाने कहां गये वो दिन, जिंदगी की राहों में.. आदि।
मनोरोग और तनाव से बाहर आने के लिए राग बिहाग और राग मधुवंती सुनना चाहिए।
जैसे:- बाजे री मोरी पायल झनन-झनन.. गीत।
5. इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं, ना किसी की आँख का नूर हूँ (लालकिला), 2 मेरे नैना (महबूबा), 3. दिल के झरोखे मे तुझको (ब्रह्मचारी), 4. ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम (संगम), 5. जीता था जिसके (दिलवाले), 6. जाने कहाँ गए वो दिन (मेरा नाम जोकर) वीणा वादन और बांसुरी सुनने से फायदा होता है।
सांस संबंधी रोग इस रोग में आस्था भक्ति पर आधारित गीत-संगीत सुनने और गाने से लाभ होता है। इसके लिए प्राकृतिक स्वर लहरियां जैसे-समुद्र की लहरें.. संगीत सुनाना चाहिए। इलाज के लिए उपयोगी होता है। राग मालकोस व राग ललित से संबन्धित गीत इस रोग मे सुने जा सकते हैं जिनमें प्रमुख गीत निम्न हैं तू छुपी हैं कहाँ (नवरंग), तू है मेरा प्रेम देवता (कल्पना), एक शहंशाह ने बनवा के हंसी ताजमहल (लीडर), मन तड़पत हरी दर्शन को आज (बैजू बावरा), आधा है चंद्रमा (नवरंग)
10. सिरदर्द इस रोग के होने पर राग भैरव सुनना लाभदायक होता है इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं - मोहे भूल गए सावरियाँ (बैजू बावरा), राम तेरी गंगा मैली (शीर्षक), पूंछों ना कैसे मैंने रैन बिताई (तेरी सूरत मेरी आँखें), सोलह बरस की बाली उमर को सलाम (एक दूजे के लिए)
दमा:- राग श्री राग केदार, शाम कल्याण। ।
कैंसर-सामवेद गायन राग नायकी, कानड़ा राग सिद्ध भेरवी रागश्री, मानसिक रोगों में इस रोग मे राग बिहाग राग ललित राग केदार व राग मधुवंती सुनना लाभदायक होता है इन रागों के प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं। 1. तुझे देने को मेरे पास कुछ नहीं (कुदरत नई), 2. तेरे प्यार मे दिलदार (मेरे महबूब), 3. पिया बावरी (खूबसूरत पुरानी), 4. दिल जो ना कह सका (भीगी रात), तुम तो प्यार हो (सेहरा), मेरे सुर और तेरे गीत (गूंज उठी शहनाई), मतवारी नार ठुमक-ठुमक चली जाये (आम्रपाली), सखी रे मेरा तन उलझे मन डोले (चित्रलेखा) उपयोगी। राग ललित, केदार।
हड्डियों के लिए फायदेमंद। राग यमन, कल्याण, नट भैरव, हिन्डौल, जोनपुरी।
राग भैरवी, केदार, श्री शुद्ध कल्याण। अस्थमा में उपयोगी।
जोड़ों का दर्द:- राग यमन कल्याण, राग हिंडौल राग नट भैरव।
डर-राग सोहनी, रोग पूरिया
लो व हाई ब्लड प्रेशर में लाभकारी राग हिण्डौल, पूरिया, कौशिक कानडा, तोडी, पूर्वी, मुल्तानी। रक्तचाप ऊंचे रक्तचाप में धीमी गति और निम्न रक्तचाप में तीव्र गति का गीत-संगीत लाभ देता है। वीणा वादन सुनना अति लाभदायक होता है। बिस्तर पर शांतचित्त होकर मध्यम बांसुरी वादन सुनने से फायदा होता है। शास्त्रीय रागों मे राग भूपाली को विलंबित व तीव्र गति से सुना या गाया जा सकता है। ऊंचे रक्तचाप मे चल उडजा रे पंछी कि अब ये देश (भाभी), ज्योति कलश छलके (भाभी की चूड़ियाँ), चलो दिलदार चलो (पाकीजा), नीले गगन के तले (हमराज) जैसे गीत व निम्न रक्तचाप मे ओ नींद ना मुझको आए (पोस्ट बाक्स न. 909), बेगानी शादी मे अब्दुल्ला दीवाना (जिस देश मे गंगा बहती हैं), जहां डाल डाल पर (सिकंदरे आजम), पंख होते तो उड़ आती रे, सेहरा
2. अनिद्रा इस रोग के होने पर:रु प्रातःकाल रोग तोड़ी सुने गुजरी पूरिया राग भैरवी राग भाग श्री, दीपक व राग सोहनी सुनना लाभकारी होता है, जिनके प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं 1. रात भर उनकी याद आती रही (गमन), 2. नाचे मन मोरा (कोहिनूर), 3.मीठे बोल बोले बोले पायलिया (सितारा), 4. तू गंगा की मौज मैं यमुना (बैजु बावरा), 5. ऋतु बसंत आई पवन (झनक-झनक पायल बाजे), 6. सावरे सावर े(अंनुराधा), 7. चिंगारी कोई भड़के (अमर प्रेम), छम छम बजे रे पायलिया (घूंघट ), झूमती चली हवा (संगीत सम्राट तानसेन), कुहूु कुहू बोले कोयलिया (सुवर्ण सुंदरी) इस रोग के होने पर राग भैरवी व राग सोहनी सुनना लाभकारी होता है। बिस्तर पर शांतचित्त होकर मध्यम बांसुरी वादन सुनने से फायदा होता है बिस्तर पर शांतचित्त होकर मध्यम बांसुरी वादन सुनने से फायदा होता है।
4. कमजोरी यह रोग शारीरिक शक्तिहीनता से संबन्धित इस रोग के होने पर राग जय जयवंती सुनना या गाना लाभदायक होता है इस राग के प्रमुख गीत निम्न हैं जैसे- तकदीर का फंसाना जाकर किसे सुनाएं.., तोरा मन दर्पण कहलाए. ओ रब्बा कोई तो बताए.. सुनने से उत्साह का संचार होता है।मनमोहना बड़े झूठे (सीमा), 2. बैरन नींद ना आए (चाचा जिंदाबाद), 3. मोहब्बत की राहों मे चलना संभलके (उड़न खटोला ), 4. साज हो तुम आवाज हूँ मैं (चन्द्रगुप्त), 5. जिंदगी आज मेरे नाम से शर्माती हैं (दिल दिया दर्द लिया), तुम्हें जो भी देख लेगा किसी का ना (बीस साल बाद) कमजोरी वीणा वादन और बांसुरी सुनने से फायदा होता है। वीणा वादन और बांसुरी सुनने से फायदा होता है। यह रोग शारीरिक शक्तिहीनता से संबंधित है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति कुछ भी काम कर पाने में खुद को असमर्थ महसूस करता है। इस रोग के होने पर राग जय जयवंती सुनना या गाना लाभदायक होता है। उत्साह का संचार करने के लिए थोड़ा तेज संगीत सुनें।
6. खून की कमी ऐसे में राग पीलू राग पूरिया सामवेद राग प्रियदर्शनी रोग श्री, केदार कलयाण से संबन्धित गीत सुनने से लाभ पाया जा सकता हैं। 1. आज सोचा तो आँसू भर आए (हँसते जख्म), 2. नदिया किनारे (अभिमान), 3. खाली हाथ शाम आई है (इजाजत), 4. तेरे बिन सूने नयन हमारे (लता रफी), 5. मैंने रंग ली आज चुनरिया (दुल्हन एक रात की), 6. मोरे सैयाजी उतरेंगे पार(उड़न खटोला)
लीवर के रोग- रोग पूरिया घन श्री।
नर्वस ब्रेक डाउन- एलंग, राग अहिर भेरव, राग पूरिया।
माईग्रन आधाशीशी- राग दरबारी कानड़ राग सोहनी राग जय जय जयवंती।
खून बहना हैमरेज रक्तस्त्राव- राग असावरी राग मधुवंती
आर्टियो स्नेलेरासिस-राग पूरिया मालकोस राग यमन।
चर्म रोंग-मेघ मल्हार राग मुल्तानी, मधुवंती।
मधुमेह- जय जय वंती, जौनपुरी
हाई फीवर- मालकोस बसंत बहार।
आर्टियोरारेरोििस- फिल्म दिल आमीर खान के गीत, राग हिडोल राग श्री राग गरूविहंग
पैप्टिक अल्सर-मधुवंती फिल्म दिल आमीर खान के गीत, राग दीपक, तानसेन फिल्म का गीत।
साईनासाईटिस- राग चन्छ्र कौस राग केदार।
नेत्र रोग-कौसी कानड़ रोग मुंल्तानी।
ल्यूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूूकोरिया- रोग असावरी रामकली सामवेद।
राग भैरवी के गाने-
(फिल्म-दो बदन-भरी दुनिया मे आखिर दिल को समझाने कहाँ जायें।) तथा फिल्म बैजू बावरा-तू गंगा की मौज मै यमुना की धारा। फिल्म सन आफ इंडिया-दिया ना बुझे री। फिलम गंगा जमुना दो हंसो का जोड़ा बिछड़ गयो रे फिल्म सोहनी महिवाल पिया मै पतंग तू है डोर। फिल्म-छू मंतर-गरीब जान के हमको ना तुम दगा देना। मोहे भूल गये सांवरिया। फिल्म-फिल्म बैजू बावरा।
रोग पीलू-फिल्म-शबाब या चंदन का पलना-ना मानू ना मानू ना मानू रे दगाबाज तोरी बतिया, फिल्म-मदर इंडिया पी के पार आज प्यारी दुल्हनिया चली। फिल्म उड़न खटोला- मोर सैंया जी उतरेगें पार नदिया धीरे बहो। फिल्म गंगा-ढंूढो ढूढो रे साजना मोर कान का बाला।
राग यमन-फिलम-संगीत सम्राट तानसेन-सप्त सरन तीन गरम।
राग दरबारी- ओ दुनिया के रखवाले।
राग केदार-फिलम मुगले आजम- बेकस पे करम कीजिये
राग सोहनी-फिलम मुगले आजम-प्रेमजोगन बन के।
ललित- फिल्म लीडर-एक शंहशाह ने बनवा के हंसी ताजमहल।
मेघ मल्हारे-बरसो रे काले बादरा। फिल्म-तानसेन। घननन घनन घन गरजो रे फिल्म।
बागेश्वरी-राध ना बोले ना बोले ना बोले रे। फिल्म पुरानी आजाद।
मालकौस-मन तड़पत हरिदर्शन को आज। फिल्म- बैजू बावरा।
बसन्त बहार-मन की बीना मतवारी। फिल्म-शबाब। केतकी गुलाब जूही। फिल्म-बांत बहार।
वृंदावनी सारंग-सावन आये ना आये फिल्म- दिल दिया दर्द लिया।
तोड़ी-इंसान बनो फिल्म-बैजू बावरा।
कलावती-कोई सागर दिल को बहलाता नही। फिल्म- दिल दिया दर्द लिया।
बहार- बाग लगोये सजनी फिल्म-तानसेन।
राग हमीर-मधुवन मे राधिका नाची रे फिल्म- कोहेनूर।
राग जय जय वंती-आज जिंदगी मेरे नाम पे।
राग देसी-आज गावत मन मेरो। फिल्म-बैजू बावरा।
रोग शिवरंजनी-करूण रस।फिल्म ब्रह्मचारी- दिल के झरोखे से तुझको बैठा कर।
ठुमरी- आये कहां से घनश्याम। फिल्म बुढढा मिल गया।