वरिष्ठ साहित्यकार और कवि अनिल कुमार वर्मा को सम्मानित किया गया
- प्रमोद कुमार
वरिष्ठ साहित्यकार और कवि अनिल कुमार वर्मा का एसएसडी स्कूल में सम्मान हुआ, उन्होंने अपनी स्वरचित 5 पुस्तके भेंट की
मुझ अनाड़ी ने एस.एस.डी. स्कूल, लखनऊ में एकल काव्य पाठ में भाग लिया गया। एसएसडी स्कूल के प्रबंधक श्री रामानन्द सैनी जोकि स्वयं एक आलराउंडर के रूप में स्कूल का संचालन ही नहीं एक वरिष्ठ पत्रकार कवि भी रहे तथा वर्तमान में भी स्कूल के संचालन के साथ एक कर्मठ अधिवक्ता ही नहीं समाजसेवी की भी भूमिका निभाते चले आ रहे हैं। एक साथ इतनी जिम्मेदारियां निभाना असम्भव नहीं तो बहुत ही दुर्लभ कार्य है। इनके साथ इनकी धर्मपत्नी श्रीमती मंजू सैनी जो स्वयं एक अधिवक्ता भी हैं जो पति के साथ कदम से कदम मिलाकर पूर्ण सहयोग करती हैं तथा होनहार बिरवान के होत चीकने पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए पुत्र भी कहां पीछे रहने वाले। इनके लिए जितना भी कहा जाय कम है।
आज इतनी महान विभूतियों के बीच एक छोटे व अदने से खिलाड़ी का जो सम्मान किया तथा मुझे इस लायक समझा उसका मैं सदैव हृदय से आभारी रहूँगा। कविता पढ़ना अलग बात है लेकिन जो स्कूल के सम्मानित अध्यापक अध्यापिकाओं व बच्चों के समक्ष एक गम्भीर सन्देश जो समस्या समाज में नासूर की तरह बन चुकी है उस पर भी कविताओं तथा वक्तव्य के माध्यम से प्रकाश डाला गया। कविता पढ़कर तालियां बटोरना तो एक अलग बात है पर जब तक समाज में बदलाव की किरण न जगे, बदलाव न आये, तब तक एक कवि का सपना अधूरा रहता है। मेरा विषय महिला सशक्तिकरण जो समाज का विभक्तिकरण करता जा रहा है उस पर आधारित पुस्तकें:-
इसी के साथ अपनी लेखनी को यहीं पर विराम देता हूँ।