गणेशोत्सव सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक हैः चन्द्रशेखर निषाद
प्रत्येक वर्ष की तरह गणेशोत्सव इस साल भी 19 सितम्बर से 28 सितम्बर तक मनाया जा रहा है। एकलव्य समाज पार्टी, कार्यालय निकट, मनकामेश्वर मन्दिर, डालीगंज, लखनऊ में तीसरे वर्ष गणेशोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रसाद वितरण का कर्याक्रम भी आयोजित किया गया।
गणेशोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकलव्य समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चन्द्रशेखर निषाद ने कहा, भारत के पर्व यहाँ सभ्यता और संस्कृति के प्रतीक हैं। रिद्धी-सिद्धी दाता शिव-पार्वती पुत्र श्री गणेश का हिन्दू समाज में विशेष महत्व है, किसी भी कार्य का शुभारम्भ श्री गणेश वन्दना से होता है। विघ्नहर्ता-सुखकर्ता श्री गणेश भाद्रपद मास की चतुर्थी को सिद्धिविनायक श्री गणेश प्रकट हुए थे। इस दिन को सिद्धिविनायक गणेश चतुर्थी भी का जाता है। देश भर में इसी दिन से गणेशोत्सव का शुभारम्भ होता है। गणेश चतुर्थी हमकों उत्सव के साथ-साथ कई संन्देश दे जाता है। क्योंकि यह एक ऐसा अवसर रहता है, जब भेदभाव रहित गणेशोत्सव बहुत धूमधाम से मनाते है। गणपति बप्पा मोरया यानि की श्री गणेश जी की विशेषता है कि उनके स्मरण से ही समस्त कार्य सुचाररूप से सम्पन्न हो जाते है और सभी विघ्न-बाधायें दूर हो जाती है।
भारत की स्वाधीनता से पहले स्वतंत्रता सेनानी श्री बालगंगाधर तिलक ने इस उत्सव की शुरूआत की थी। अंग्रेजों के शासन के दौरान शहर में लोगों को एकत्रित करके उन्हें आजादी का सन्देश देना बहुत कठिन काम था। ऐसे समय में बालगंगाधर तिलक ने एक विकल्प निकाला और उन्होंने श्री गणेश सार्वजानिक महोत्सव का आयोजन किया। देखते ही देखते लोगों की भीड़ एकत्रित होने लगी। इस तरह कहा जा सकता है कि आजादी के आन्दोलन में इस आयोजन की एक विशेष भूमिका रही।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुरेन्द्र मोहन गांधी प्रदेश अध्यक्ष, रामू निषाद, जिला अध्यक्ष व गणेशोत्सव कार्यक्रम को सफल बनाने में जया निषाद, कोमल निषाद का विशेष सहयोग रहा।