अच्छी पुस्तकें अच्छी मित्र होती हैः सुभाष छाबड़ा

आमजन पुरानी पुस्तकों में भी रूचि दिखा रहें है, प्रतियोगिताओं पुस्तकों की भी युवाओं में मांग है

सात दिवसीय 20वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला

- विशेष संवाददाता

बलरामपुर गार्डन, लखनऊ में विगत 22 सितम्बर सें 2 अक्टूबर तक चलने वाले सात दिवसीय 20वां राष्ट्रीय पुस्तक मेले के परिसर में पुस्तक, साहित्य प्रेमियों के सभी उम्र के लोगों की आवाजाही बनी रही। साहित्यक मंच से विशिष्ट जनों पुस्तक विशेषज्ञों का सम्बोधन, चर्चा, लोकापर्ण, काव्य सम्मेलन आदि कार्यक्रमों का सम्पन्न होना जारी रही रहा।

राजधानी के पुराने व प्रसिद्ध 75 वर्षीय सुभाष कुमार छाबड़ा पुस्तक विक्रेता ने कहा पुस्तक सदैव ही मनुष्य की मित्र रही है पुस्तक के पठन-पाठन से ही अच्छी नौकरी, अच्छे संस्कार हासिल किया जा सकता है। सुभाष छाबड़ा राष्ट्रीय पुस्तक मेले में सुभाष पुस्तक भण्डार के स्थल पर पधारे उपनिदेशक सूचना से.नि. प्रमोद कुमार, सम्पादक संदीप कुमार, आजमगढ़ से आये श्रवण कुमार, मनोज तोता, विपिन राय ने फैज अहमद फेज की मेरे दिल मेरे मुसाफिर, पत्रकार राघव अग्निहोत्री, के.एस. परिहार, सुनील दत्त द्वारा लिखित पुस्तक समाजसेवी गायत्री देवी पर दूर पथ का राही, भारत रत्न डा. अम्बेडकर, कुमार विश्वास की लोकगीत में लोक चेतना आदि पुस्तकों को खरीदा। बहुजन साहित्य सम्यक साहित्य आदि बुक स्टालों पर गौतमबुद्ध, बाबा साहब डा. अम्बेडकर, मा. कांशी राम, पेरियार आदि के चित्र, पुस्तकें आदि बड़ी मात्रा में ज्ञानवर्धक साहित्य भी मिला विक्रय हेतु उपलब्ध था। गांण्ड़ा, बलरामपुर से पधारे धनजय तिवारी, सी.सी. भारती, कु. सुनीता ने पेरियार की सच्ची रामायण, तुलसी, रामचरित मानस, परिजन अभिनव छाबड़ा, राज कुमार छाबड़ा ने बताया कि घर के बुजर्गो का पुस्तक प्रेम ही जनपद में लगभग 100 वर्ष से सभी प्रकार की पुस्तकें विक्रय कर रहा है। चारबाग स्थित हमारी दुकान से कई पुस्तक प्रेमी सिविल सर्विस आई.ए.एस., आई.पी.एस. आदि सहित अनेक बड़े पदों पर सफल होकर देश-प्रदेश सेवा कर रहे है।

बाल्मीकी रामायण, मिसाइल में ए.पी.जे. कलाम, फिल्मी स्टार देवानन्द, त्रिरपटक, प्रशासनिक, विधि लेखक, पवन सिंह की पत्रकारिता की शव यात्रा पुस्तकों की जानकारी ली और खरीदा। धार्मिक पुस्तक पवित्र शास्त्र को आमजन द्वारा निःशुल्क प्राप्त की गई, जिसमंे बाइबल में परमेश्वर के मस्तिष्क, मनुष्य दशा और विश्वासियों का आनन्द वर्णन बताया है। राष्ट्रीय पुस्तक मेले मे अपनी उम्र से सौ साल पहले सियाल कोट (पाकिस्तान) के गांव काला कादर मे 13 फरवरी 1911 को जन्में फैज अहमद ’फैज’ की पुस्तकें खरीदी। बाराबंकी से आये अर्जुन यादव, तौकिफ, शिववरन यादव प्रसन्न दिखे वही जौनपुर मुगराबादशाहपुर के एडवोकेट मनोज पाण्डेय ने हनुमान जी, राधाकृष्ण रूक्मणी पर पुस्तकें खरीदी। मेले में मुंशी प्रेम चन्द्र, हरिवंश राय बच्चन, गोपाल दास नीरज, सआदत हसन मण्टो, धर्मवीर भारती, महाश्वेता देवी फणीश्वर नाथ रेणु आदि साहित्यकारों की पुस्तकों के अलावा धार्मिक पुस्तकों में भी पुस्तक प्रेमियों की रूचि दिखी, साथ ही प्रेरक पुस्तकों में ऊर्जा तलाश रहे पुस्तक प्रेमी भी दिखे।

शिवशंकर पुस्तक विक्रेता ने बताया, आमजन पुरानी पुस्तकों में भी रूचि दिखा रहें है, प्रतियोगिताओं पुस्तकों की भी युवाओं में मांग है। रायबरेली के लेखक श्रीधर सिंह की दर्द का एहसास जिसमें 22 कहानियां पर भी चर्चा हुई। पुस्तक मेले मे प्रतापगढ़ के गौरव दूबे, माया पाण्डेय, ओम प्रकाश तिवारी, सीता राम, महेन्द्र सिंह, दरोगा धर्मेन्द्र सिंह, एडवोकेट सुरेन्द्र गांधी, मनोज, नेहा मिश्र, संजय आदि सैकड़ों व्यक्तियों ने मेले का आनन्द लिया।



 

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