फाग की मस्ती के साथ राई, कोलिहाई व कछियाई ने बांधी शमां
लोकलय 2024
श्री चित्रकूटधाम के 84 कोस का होगा हरित श्रंगार
आरएसएस के अनुसांगिक संगठन लोकभारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने की घोषणा
श्री कामदगिरि परिक्रमा में हर पांच सौ मीटर पर लगेंगे हरि संकरी के पौधे
- संदीप रिछारिया
चित्रकूट। होलिकोत्सव के एक दिन पहले बुंदेलखंड के गांव गिरांव से जुड़े सैकड़ों ग्रामीण कलाकारों ने रानीपुर भट्ट के भारत जननी परिसर में ऐसा शमां बांधा कि लोगों के हाथों की तालियां देर तक बजती रहीं। मौका था दसवें लोकलय समारोह का। इस बार का समारोह आरएसएस के अनुसांगिक संगठन लोकभारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह के सम्मान में रहा। श्री सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान के गोपाल भाई ऐसे व्यक्ति हैं जिनको वह आदर्श मानते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार 84 कोसीय परिक्रमायें हैं। चित्रकूट, अयोध्या, नैमिष और मथुरा। इसमें चित्रकूट की सबसे प्रमुख हैं। चित्रकूट में श्री कामदगिरि पीठम के कर्ताधर्ता महंत मदन गोपाल दास जी के नेतृत्व में 84 कोस के हर किलोमीटर में हरिसंकरी का रोपण वन विभाग के सहयोग से किया जाएगा। पूरा प्लान तैयार हो गया है। सर्वे का काम चल रहा है। यह काम यूपी और एमपी में समान रूप से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरिसंकरी के पौधे हर किलोमीटर में लगाये जाएंगे। इससे न केवल वातवरण शुद्व होगा बल्कि लोगों को यहां के चैरासी कोस परिक्रमा की की पूरी जानकारी मिलेगी। बुंदेलखंड लोकलय समारोह स्थानीय लोक कलाकारों को मंच के माध्यम से प्रतिभाओं को उजागर करने का प्रयास हो रहा है। इसके अतिरिक्त संस्थान ने पानी एवं प्राक्रतिक खेती पर जो अभिनव प्रयोग किये हैं उनको पूरे देश के लोगों को दिखाने का प्रयास हम सबको करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चित्रकूट का विकास चित्रकूट के हिसाब से हो। यहां पर बनने वाले मकानों में चित्रकूट के दर्शन होने चाहिए।
महंत मदन गोपाल दास जी ने कहा कि चित्रकूट में भगवान ने आकर कोल किरातों के साथ मित्रता की। उन्होंने रामायण के तमाम प्रसंगों से यह बताने का प्रयास किया कि रामजी को केवल प्रेम से पाया जा सकता है। कहा कि चित्रकूट की नैसर्गिक सुषमा बनी रहे और विकास भी होता रहे।
कार्यक्रम का प्रारंभ शहीद भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। मंगलाचरण “फूल सी हो जिन्दगी ऐसी पवन कृपा कीजिये माँ” वंदना के साथ द्वारा गोपाल लोक कला मंच की कलाकार रचना, शांति आदि ने उपस्थित श्रोताओं को मत्रमुग्ध किया।
लोकलय समारोह में प्रेरणास्रोत एवं मार्गदर्शक चित्रकूट कामदगिरी प्रमुख पीठम के अधिकारी महंत श्री मदन गोपाल दास जी महाराज, सहभागी शिक्षण केंद्र के अशोक भाई, वरिष्ठ पत्रकार अलोक द्विवेदी ने लोक भारती के ब्रजेंद्रपाल का अंगवस्त्र-श्रीफल से सम्मान किया । संचालन कर रही रीना सिंह रश्मि ने श्री राम के आदर्शों को लेकर स्वयं रचित कविता पढी तो तालियां लगातार बजती रहीं।
बाँदा की ज्योति पटेल एवं सीता देवी ने बुन्देलखंडी गीतों “उरझो न श्याम कही मनो हमार” एवं “सिर बांधे मुकुट खेलें होरी” से समा बाँधा। पाठा के आदिवासी कलाकारों के बलमा गीत “लुरी लुरी जाई मोरी अंगना बटोरौं” ने मार्मिक रूप से भाव विभोर किया। बुंदेलखंड लोकलय समारोह के मंच से बरगढ़-चित्रकूट के रोहिणी महिला दल ने पारम्परिक जन्मोत्सव गीत सोहर, अरुणोदय संस्थान महोबा के शिवशंकर तिवारी दल ने कछियाई, गैलरी, पाठा के राम बहोरी दल ने फाग, बिवांर हमीरपुर के प्रह्लाद सिंह दल ने अचरी, पाठा के बूटी बाई महिला दल ने राई, कोल्हाई, बलमा, परमार्थ समाज सेवी संस्थान झाँसी के धनीराम रैकवार दल ने ढीमरई “पानी से सब काम चलत है पानी को बचईयो” आदि की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। शास्त्रीय संगीत एवं लोकगीतों की बौछार संस्थान के महामंत्री लल्लूराम शुक्ल और तबले की थाप से मृदंगाचार्य अवधेश द्विवेदी ने श्रोताओं को कार्यक्रम से न उठने को मजबूर कर दिया।
प्रमुख रूप से राष्टीय स्तर के स्वतंत्र लेखक व चिन्तक अभिषेक कुमार, प्रिया नई दिल्ली के प्रतिनिधि ऋतिक बाजपेई, चित्रकूट जिले के वन अधिकारी नरेन्द्र कुमार, जिला सहकारी बैंक बाँदा के चेयरमैन पंकज अग्रवाल, मानिकपुर ब्लॉक प्रमुख अरविंद मिश्रा, चंद्रप्रकाश खरे, रामबाबू गुप्ता, जगदीश गौतम, सुनील पटेल, रावेन्द्र गौतम आदि प्रमुख जन सहित 500 महिला पुरुषों की उपस्थिति रही।