राशन वितरण में ई-वेइंग मशीनें कोटेदारों के लिए आफत बन रही हैं

- राजेंद्र कुमार जिला ब्यूरो चीफ, झांसी एवं छायाकर विष्णु प्रजापति

राशन वितरण में घटतौली रोकने के लिए शासन द्वारा लगाई गईं ई-वेइंग मशीनें कोटेदारों के लिए आफत बन रही हैं। वितरण में लंबा समय लग रहा है जिसके चलते कोटेदार अपने यहां काम करने वाले कर्मियों को हटा रहे हैं।

वर्तमान में कोटे की दुकानों से लाभार्थियों को पांच किलो मिलने वाले खाद्यान्न में गेहूं, चावल, बाजरा और ज्वार दिया जा रहा है। कोटेदारों की दुकानों पर लगाई गईं ई-वेइंग मशीनों से ही इन राशन की तौल हो रही है। ऐसे में थोड़ा-थोड़ा राशन वितरण करने में यह मशीन लंबा समय लगा रही हैं। इसका कारण यह है कि ई-वेइंग मशीन से वितरण आनलाइन होता है। जब एक खाद्यान्न की तुलाई हो जाती है तभी दूसरा वितरण हो पाता है। ऐसे में एक लाभार्थी को राशन देने में 10 मिनट का समय लग रहा है। कई कोटेदारों ने जिलापूर्ति कार्यालय में शिकायत करते हुए कहा, इन मशीनों से वितरण का समय बढ़ रहा है। कोटेदार अरविंद कुमार, नरेश साहू आदि ने बताया कि पहले वह माह का वितरण 10 दिन में पूरा कर लेते थे लेकिन, अब यही वितरण 20 से 25 दिन में हो पा रहा है जिसके चलते उन्हें जितना कमीशन मिलता है वह सब तुलाई के लिए लगाए गए कर्मी को चला जाता है। यही कारण है कि अब उन्होंने तौल करने वाले कर्मी को हटा दिया है। बताया कि जिन कोटेदारों के परिवार में अन्य लोग हाथ बंटा रहे हैं, वही दुकान चला सकते हैं। इसको लेकर जिलापूर्ति अधिकारी, झांसी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि मशीन से लाइव वितरण होने के चलते थोड़ा समय जरूर लगता है लेकिन, इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है।

 

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