आजीविका मिशन में गोलमाल को लेकर लोगों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की
- सत्य प्रकाश मिश्रा, ब्यूरो चीफ सोनभद्र
दुद्धी जनपद सोनभद्र में सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन दुद्धी ब्लाक की गड़बड़ी की शिकायतें थमती हुई नजर नहीं आ रहीं हैं। विगत दो-तीन वर्षो से दुद्धी ब्लाक के अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा खेल चल रहा हैं, जिसे लेकर एक बार महिलाओं ने ब्लाक में जमकर हंगामा किया था, तब तत्कालीन विधायक हरिराम चेरो तक भी मामला पहुंचा था। लेकिन तत्कालीन बीएमएम को हटाकर गड़बड़ी की शिकायतों को दबा दिया गया। दुद्धी ब्लाक क्षेत्र में चाहे समूह की महिलाओं को काम देना हो या लघु उद्योग की स्थापना करना हो, सभी कार्यों में आजीविका मिशन के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से काम पर रखा जाता हैं। दुद्धी ब्लाक क्षेत्र में जितने भी महिलाओं को रोजगार दिया गया है, उसमें से अधिकांश महिलाएं कई कैडर पद पर काम कर रहीं है। जिससे समूह के अन्य जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार नहीं मिल रहीं है।
अभी हाल ही टीएचआर में रोजगार मांगने और गड़बड़ी के आरोपों का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि बीडर गाँव के महिलाओं ने आजीविका मिशन के जिम्मेदार अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगा कर उच्च स्तरीय जाँच की मांग उठाई है। हालांकि महिलाओं की शिकायत पर सहायक विकास अधिकारी आईएसबी दुद्धी बीडर गांव के चितहवा पहाड़ी और धाम टोला पहुचे आजीविका मिशन से जुडी महिलाओ का बयान दर्ज किया। महिला अर्चना देवी ने मामले का उच्च स्तरीय जाँच कराये जाने का मांग जाँच अधिकारी से किया। उन्होंने कहा, चाहे रोजगार के लिए धनराशि हो या सरकार द्वारा मानदेय पर दी जा रही रोजगार इन सब मे गांव के चंद चुनिंदे आजीविका मिशन के पदाधिकारी और अधिकारी के मिलीभगत से गरीब महिलाओ का रोजगार छिन जा रहा है, जो ठीक नहीं है इसकी विधिवत जाँच होनी चाहिए। बीडीसी सदस्य विजय नारायण और ग्राम प्रधान सुरेशचंद ने जाँच अधिकारी से कहा, मामले का जाँच होना चाहिए सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं को रोजगार से संबंधित अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है लेकिन जरूरतमंद महिलाओं को काम नहीं दिया जा रहा है। यदि दुद्धी ब्लाक आजीविका मिशन की उच्च स्तरीय जाँच हो तो बड़े खुलासे हो सकते है।