हाकी खिलाड़ियों को तैयार करने का काम जारी है

- राजेंद्र कुमार जिला ब्यूरो चीफ, झांसी 

हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की कर्मभूमि रही झांसी पर आज भी हाकी खिलाड़ियों को तैयार करने का काम जारी है। झांसी के लक्ष्मी व्यायाम मंदिर के ग्राउंड पर हाकी खिलाड़ियों की नई पौध तैयार की जाती है। इन खिलाड़ियों को बचपन से ही हाकी की सभी तकनीक सिखाई जाती है। यह पूरी कोचिंग उन्हें बिल्कुल मुफ्त में दी जाती है, पिछले 20 सालों से यह मुफ्त कोचिंग चलाई जा रही है। लक्ष्मी व्यायाम मंदिर के ग्राउंड में शाम 5 बजे से ही हाकी सीखने वाले बच्चों की भीड़ लग जाती है। अलग-अलग उम्र के बच्चों का ग्रुप यहां हाकी सीखने आता है। कहीं बच्चों को ड्रिबलिंग सिखाई जाती है, तो कहीं हाकी के मैच चल रहे होते हैं। तीन घंटे तक यह बच्चे यहां पसीना बहाते हैं। एलवीएम में आने वाले बच्चों से साल भर कोई फीस नहीं ली जाती है। साल में एक बार लगने वाले कैंप के लिए मात्र 100 रूपए लिए जाते हैं। कई खिलाड़ियों ने नाम  रोशन किया है। एलवीएम में पिछले 12 सालों से हाकी सिखाने वाले सुरेश भगोरिया बताते हैं कि बुंदेलखंड सेवा मंडल द्वारा निशुल्क कोचिंग चलाई जा रही है हमारा उद्देश्य है कि दद्दा ध्यानचंद जैसे खिलाड़ी देश को मिल सके।




 

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