देश का पहला ग्लोबल जियो पार्क होगा श्री चित्रकूटधाम

- स्वीडन के वैज्ञानिकों को चित्रकूट में 15 साल पहले पादप के रूप मिला था जीवन का पहला अंश

- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के वैज्ञानिकों ने बनाया मसौदा, मुख्यमंत्रियों को सौंपा जायेगा, गजट होने के बाद भेजा जायेगा यूनेस्को  

- विश्व समुदाय के लिए आकर्षण का केद्र बनेगा चित्रकूट ग्लोबल जियो पार्क, सुधर जायेगी आर्थिक स्थिति  

- यूनेस्को के प्राकृतिक विज्ञान के प्रमुख बेन्नोब्रोवर रहेंगे मौजूद, करेंगे फील्ड सर्वे

- 1 अगस्त को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव करेंगे शुभारंभ

- 3 अगस्त को यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य करेंगे समापन

 संदीप रिछारिया

हैरान कर देने वाले प्राकृतिक जलप्रपात और जंगल, देवताओं और ऋषियों के तप से अभिसिंचित, विविध आश्चर्यों की भूमि श्रीचित्रकूटधाम को विश्व क्षितिज पर लाये जाने के लिए एक गंभीर प्रयास किया जा रहा है। यह प्रयास यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त देश के पहले चित्रकूट ग्लोबल जियोपार्क की स्थापना को लेकर है। गुरूवार को भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, सोसायटी आफ अर्थ  साइंटिस्ट, भारतीय प्रौघ्द्योगिकी संस्थान, कानपुर व दीनदयाल शोध संस्थान के तत्वावधान मंे आरोग्यधाम में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संभावित ग्लोबल जियो पार्क बनाये जाने के लिए किया जा रहा है।

चित्रकूट धाम के यूपी और एमपी के हिस्से में परिकल्पना वाले ग्लोबल जियो पार्क के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव दोपहर के समय प्राकृतिक सुषमावाले आरोग्यधाम में करेंगे। इस दौरान यूनेस्को के प्राकृतिक विज्ञान के प्रमुख बेन्नोब्रोवर के साथ एमपी के भाजपा प्रभारी डा. महेंद्र सिंह, नगरीय विकास राज्य मंत्री प्रतिभा बागरी, संस्कृति एव पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र गहरवार, भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण के पूूर्व महानिदेशक और आईआईटी कानपुर के सेंट्रल नालेज सिस्टम के सलाहकार डा. सतीश त्रिपाठी, भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक, वन एवं पर्यटन के वरिष्ठ अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विभिन्न समुदायों के महानुभाव मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डा. अश्विनी अवस्थी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ गुरूवार दोपहर एक बजे मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव करेंगे। इस दौरान कार्यक्रम के संरक्षक दीन दयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि चित्रकूट मानव की जन्म स्थली है। यहां पर 15 साल पहले स्वीडन से 40 भू-वैज्ञानिकों के दल ने आकर जानकीकुंड के पास ऐसा पादप और पत्थर खोजा था, जिसकी उम्र लगभग पृथ्वी की उम्र के बराबर निकली। वैसे भी ब्रहम पुराण इस बात की घोषणा करता है कि परमपिता ब्रहमा जी ने यहीं पर सप्तऋषि, देवर्षि नारद, मां सरस्वती व मनु सतरूपा को प्रकट किया था। इसका साक्ष्य रामघाट पर बना यज्ञवेदी का मंदिर आज भी है। जब चित्रकूट में जीवन का पहला अंश वैज्ञानिकों को मिल सकता है और ब्रहम पुराण पहले मानव को बनाये जाने की घोषणा करता है तो इससे सिद्व होता है कि चित्रकूट की धरती पौराणिक काल से पूर्ण रूप से वैज्ञानिक अनुसंधानों का केंद्र रही है।  

उन्होंने बताया कि ग्लोबल जियोपार्क घोषित करने का हमारा उद्देश्य चित्रकूट की पुरातात्विक, प्राकृ                   तिक, सांस्कृतिक व जैव विविधता को संरक्षित व सवंर्धित करना है। इसका दायरा लगभग 4000 वर्ग किलोमीटर का होगा। इसका प्लान श्रीचित्रकूटधाम के 84 कोसीय परिक्रमा में फैले हुये तमाम पुरातात्विक महत्व, एतिहासिक महत्व, धार्मिक महत्व व प्राकृतिक सुषमा से पूर्ण स्थानों का डेवलपमेंट किया जाएगा। इस परियोजना में यूपी के दो जिले चित्रकूट बांदा व एमपी के तीन जिले सतना, पन्ना व रींवा की सहभागिता होगी।  

श्री अवस्थी ने बताया कि शनिवार को कार्यक्रम के समापन की घोेषणा यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य करेंगे। इस मौके पर शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, राज्य मंत्री राममकेश निषाद, एमपी के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक बांदा प्रकाश द्विवेदी, विधायक मानिकपुर अविनाश द्विवेदी, विधायक ओममणि वर्मा, विधान परिषद सदस्य जितेदं्र सिंह सेंगर, बाबू लाल तिवारी सहित अन्य गणमान्य होंगे। उदघाटन व समापन के दौरान चित्रकूट के साधू संतों की प्रमुख भूमिका रहेगी।

क्या है जियो पार्क

यूनेस्को द्वारा ग्लांबल जियो पार्क वास्तव में एक ऐसा भू विज्ञान वाला एक सरक्षित क्षेत्र होता है जिसकी संरचना डिफरेंट टाइप की हो, इसके लिए इस क्षेत्र पर लगातार विकास के लिए काम किया जाता है। इसमें विकास का तात्पर्य बिना किसी पर्यवरणपीय बदलाव के वहां की स्थिति को और भी ज्यादा सुंदर बनाना होता है। इन बदलावों से पर्यटन का विकास होता है और यहां पर पर्यावरण का संरक्षण, शिक्षा, और अनुसंधान सतत चलते रहते हैं।

वैसे तो अभी तक यूनेस्को ने 44 देशों में 161 यूूनोस्को ग्लोबल जियो पार्क की स्थापना की है। भारत वर्ष में अभी एक भी ग्लोबल जियो पार्क नही है। भारत में पहली मांग आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम के एर्रा मटृटी डिब्बालू लाल रेत के टीले को ग्लोबल जियो पार्क के रूप् में मान्यता देने का प्रयास चल रहा है। चित्रकूट ग्लोबल जियो पार्क के रूप में यह दूसरी मांग होगी।

क्या है प्रोसेस

कार्यशाला के कार्यक्रम संयोजक डा. अश्विनी अवस्थी ने बताया कि दोनों मुख्यमंत्रियों को आईआईटी के वैज्ञानिकों के द्वारा बनाया गया प्रस्ताव सौंपा जाएगा। यूपी और एमपी की विधानसभाओं से पास होने के बाद गजट होगा और फिर यूनेस्को को भेजा जाएगा। यूनेस्कों अपने दल को भेजकर सर्वे कराएगी। इसके बाद यूनोस्को इसे मान्यतता देकर विकास के काम करवायेगी।

मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर अधिकारी चैकस

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के चित्रकूट आगमन को लेकर अधिकारी खासे चैकस दिखाई दिये। उद्यमिता विद्यापीठ के विवेकानंद व दीन दयाल सभागार में बैठक के बाद वीआईपी के आगमन की रणनीति तैयार की गई। इसके बाद सभी अधिकारियों ने आरोग्यधाम में जाकर हेलीपैड का निरीक्षण किया। इस दौरान एसपी आशुतोश गुप्ता, अपर कलेक्टर स्वप्निल वानखेडे, सीईओ जिला पंचायत संजना जैन, नगर निगम आयुक्त शेर सिंह मीना सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।



 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जन्म कुंडली में वेश्यावृति के योग

पक्षी आपका भाग्य बदले

भृगु संहिता के उपचार