अटल जी को याद करने नहीं आये ‘माननीय‘

 

अर्न्तकलह

अटल जी को याद करने नहीं आये ‘माननीय‘

- भाजपाइयों ने पितृ पुरूष अटल जी को याद किया

- पद प्राप्त जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम से बनाई दूरी

- पूर्व सांसद के नेतृत्व में आनंद रिसार्ट में जुटे सभी भाजपाई

संदीप रिछारिया

अजीब बिडंबना है जिन कार्यकर्ताओं के कंधों पर बैठकर कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी के माननीय जनप्रतिनिधि बने, अब उन्हीं के पास कार्यकर्ताओं के कार्यक्रमों के लिये समय का अभाव है, वह भी ऐसे वक्त जब भाजपा के हाथ से लोकसभा व विधानसभा की सीटें निकल चुकी हों और कार्यक्रम भी पितृ पुरूष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की छटवीं पुण्यतिथि का मौका हो। हैरत की बात यह है कि अटल जी को याद करने के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी का टाप से लेकर बाटम तक का लगभग हर कार्यकर्ता मौजूद था, वहां पर भाजपा का जिले में नेतृत्व करने वाले जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी ही नही थे। उनके साथ जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, नगर पालिकाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता, कोआपरेटिव चेयरमैन पंकज अग्रवाल, पहाड़ी ब्लाक प्रमुख सुशील द्विवेदी, पूर्व सांसद आरके पटेल कार्यक्रम में नही पहुंचे।  

  सीतापुर के आनंद रिसार्ट में पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र और पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश तिवारी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरूष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की 6 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान वक्ताओं ने अटल जी को अपने अपने तरीके से याद कर श्रद्वांजलि दी। कई पुराने कार्यकर्ताओं ने अटल जी के साथ बिताये गये अपने अविस्मरणीय क्षणों को याद किया। महामंत्री राजेश जायसवाल ने संचालन किया। पूर्व विधायक दिनेश मिश्रा, पूर्व प्रदेश महामंत्री रंजना उपाध्याय, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रामदयाल त्रिपाठी, जिला महासचिव डा0 अश्विनी अवस्थी, ,उपाध्यक्ष आनंद सिंह पटेल,महेंद्र कोटार्य, जिलाध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा हीरो मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे, वरिष्ठ नेता रामसागर चतुर्वेदी, पुरूषोत्तम चौबे,जिला मंत्री प्रेम वाल्मीकी, राजीव त्रिपाठी, बृजेन्द्र शुक्ला, बृजेश पांडेय, राजेश्वरी द्विवेदी, आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।  

पूर्व सांसद व कोआपरेटिव बैक के चेयरमैन ने घर की फोटो के सामने किया याद

पूर्व सांसद आरके पटेल ने आवास कसहाई रोड पर दर्जनों समर्थकों के साथ अटल जी के चित्र पर माल्यापर्ण कर  श्रद्वांजलि दी। इस दौरान शक्ति सिंह, राजकुमार त्रिपाठी, शिवाकांत पांडेय, अखिलेश सिंह, पंकज सिंह सहित अन्य लोग रहे।  भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी ने कहा कि वह कल शहर से बाहर थे, इसलिये कार्यक्रम में नही पहुंच पाये। बांदा डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक के चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने कहा कि अटल जी हमारे दिलों में रहते हैं, उनको याद करने के लिए किसी विशेष समय की जरूरत नही है। हमने अटल जी के चित्र के सामने घर में ही उनको श्रद्वान्जलि अर्पित की है। जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव, ने बताया कि कल वह शहर से बाहर थे, इसलिये कार्यक्रम में नही पहुंचे। पालिकाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता ने कार्यालय में पितृ पुरुष को अपने स्टाफ के साथ याद करने की बात कही। पहाड़ी ब्लाक प्रमुख सुशील द्विवेदी से फोन पर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, पर उनका फोन नही उठा।

नया नही है खींचतान का मामला

पार्टी में अंदरूनी खींचतान का मामला नया नहीं हैं, विधानसभा चुनाव के पूर्व से ही कुछ जनप्रतिनिधियों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच खींचतान दिखाई दे रही थी। पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी के विरोध में कुछ लोगों ने सीधे तौर पर तो कुछ लोगों ने अंदरूनी तौर पर विरोध कर पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को हरवा दिया। वैसे हाल यह रहा कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में आकर प्रचार करने व तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कुछ विशेष लोगों को समझाने के बाद भी मामला नही सुलझा। जाति विशेष के लोगों ने अंदरूनी तौर पर सपा का सहयोग किया और भाजपा की हार हो गई। मामला यहीं नही थमा, इसके बाद यही काम लोकसभा के चुनाव में किया गया, भाजपा के प्रत्याशी जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक जाटव,  नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता,कोआपरेटिव अध्यक्ष पंकज अग्रवाल, पहाड़ी ब्लाक प्रमुख सुशील द्विवेदी के अलावा पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता ने चुनाव में भाजपा का प्रचार नही किया। वैसे चुनाव के कुछ दिनों पूर्व धनुष तिराहे पर सांसद के पुत्र से जिलाध्यक्ष भाजयुमो हीरो मिश्रा से हुआ विवाद भी काफी चर्चा में रहा। इसके बाद ब्राहमण नेताओं के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं से सांसद की दूरी भी काफी बढ गई थी। हाल यह रहा कि पार्टी के दिये गये निर्देश के बाद भी कोई कार्यकर्ता घर से निकला ही नहीं। ब्राहमण नेताओं ने सीधे तौर पर इसे ब्राहमण बनाम कुर्मी की लड़ाई बनाकर बसपा को अंदरूनी तौर पर सपोर्ट किया। हाल यह रहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव हार गई।

जनप्रतिनिधि कार्यक्रमों से लगातार बना रहे दूरी

यह पहली बार नही है जब ऐसा दिखाई दे रहा है। 11 अगस्त को तिरंगा यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ तिरंगा यात्रा के प्रथम कार्यक्रम में पूर्व सांसद आरके पटेल व जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी दिखाई दिये। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित दूसरी बार तिरंगा यात्रा 13 अगस्त, 7 जून विजय उत्सव के साथ अन्य कार्यक्रमों में इन पांच माननीयों का शामिल न होना लगातार शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। पार्टी के जिला महासचिव डा0 अश्विनी अवस्थी कहते हैं कि हर कार्यक्रम की सूचना पार्टी पदाधिकारियों के व्हाट्स एप ग्रुप पर डाली जाती है। यही एक सूचना का माध्यम है। इसी से सूचना पाकर सभी लोग कार्यक्रमों में सहभाग करते हैं।


  

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