वर्चस्व की लड़ाई होगी मिल्कीपुर विधान सभा उप चुनाव


 
- मनोज मिश्रा, ब्यूरो चीफ अयोध्या

अयोध्या जिले के मिल्कीपुर तहसील के लोगों का मानना था कि शायद तब नहीं तो अब हम लोगों का भला होगा क्यूकि मिल्कीपुर विधान सभा का उपचुनाव है जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेता, मंत्री चुनाव जिताने के लिये में पहुंच रहे है, किन्तु ये सोच जनता की गलत साबित होते नजर आ रही है। क्यूकि लोग बस्ते है गाँवो में न की जिले के मेन सडक पर। जो भी मंत्री या नेता आए एक ने भी अभी तक गांव का रूख नहीं किया। कभी इनायत नगर तो कभी मिल्कीपुर और कभी कुमारगंज का नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय तो इन्ही तीन जगहों मे जनता बसती है? ये तो बाजार है और इतिहास गवाह है बाजार कभी किसी का नहीं हुआ है। यदि प्रत्याशी की बात करें तो अभी तक जितने भी प्रत्याशी इस चुनावी रण मे दौड़ लगा रहे है उनमे से कुछ प्रत्याशी पुराने चहरे है, जिसे गांव की जनता ना पसंद करती है तो भाजपा को टिकट देने से पहले गांव की जनता का मत लेना चाहिए न की चलते हुए बाजार का जिसका खुद अपना कोई ठिकाना नहीं। 

मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव भाजपा हर हाल मे जीतना चाहती है और इसके लिए उत्तर प्रदेश की सरकार पुरजोर कोशिश भी कर रही है प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी नेता और अधिकारी को कड़े शब्दों मे कहा है उत्तर प्रदेश की जनता के साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए। प्रदेश की जनता के साथ अन्याय हुआ यदि जनता परेशान हुई तो उसकी खैर नहीं। योगी आदित्यनाथ की कोशिश काबिले तारीफ है किन्तु कुछ भ्रस्ट अधिकारीयों का कहना है (हम तो भाई जैसे है वैसे ही रहेंगे) यदि बात करें गांव की जनता की गांव के किसानों की तो वह आज भी छुट्टा सांड पशुओ से परेशान है क्यूकि जहाँ गौशाला बने है, वहाँ जानवर है नहीं और जो है भी उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है खुल्ला चरने के लिए क्यू कि गौशाला मे पर्याप्त चारा नहीं है। वहीं कई गांव तो ऐसे भी है जहाँ गौशाला नहीं बने है जैसे की तहसील मिल्कीपुर थाना खण्डासा विकास खण्ड अमानीगंज मे एक गांव है रोतावाँ यदि उस गांव के लोग प्रधान से गौशाला बनवाने के लिए कहते है तो प्रधान कहते है अभी बजट नहीं है अधिकारी और सरकार से कहा है जैसे ही पैसा आएगा गौशाला बनवा दिया जाएगा। 

अब सवाल यही उठता है इसमें किसकी गलती है प्रशासन की या फिर सरकार की?

यदि कुछ भ्रस्ट अधिकारीयों की गलती है तो उन्हें सजा कौन देगा। सिर्फ एक गांव नहीं कई गांव है जहाँ गौशाला की जरूरत है। सवाल यही उठता है की क्या भाजपा के कार्यकर्ता बूथ अध्यक्ष अपने गांव अपने गांव के किसानों की परेशानी अपने पदाधिकारी को नहीं बताते?

यदि जो चल रहा है इसमें जल्दी से सुधार नहीं किया गया तो उपचुनाव हाथ से चला जाएगा और साथ ही आने वाले आगे विधानसभा चुनाव मे भाजपा को भरी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इस बात से कोई भी व्यक्ति झुटला नहीं सकता की जब उत्तर प्रदेश मे मायावती की सरकार थी तो उस समय अधिकारी दुरूस्त थे। डुयूटी का समय यदि सुबह नौ बजे था तो अधिकारी सुबह 8.30 से 8.45 तक पहुंच जाते थे ये डर बना था अधिकारयो मे, शासन काल उनका भी कुछ अलग था किन्तु कुछ उन्होंने गलती की जो आज सभी जानते है और उनकी सरकार चली गईं और गईं तो ऐसे गईं की आज यदि नजर उठा कर देखा जाए तो बसपा दूर-दूर तक नजर नहीं आती।

ऐसा भाजपा के साथ भी हो सकता है यदि समय पर किसानों की समस्या को नहीं समझा गया। भाजपा के कार्यकर्ता शायद ये सोचकर खुश है की अब हम मिल्कीपुर उपचुनाव जीत जाएंगे क्यू की भाजपा के बड़े बड़े नेता और मंत्री अयोध्या आ रहे है मिल्कीपुर का दौड़ा कर रहे है तो सवाल यही है की खाली घूमने से जीत मिलेगी या मिल्कीपुर विधानसभा के लोगों की समस्या दूर करने से। विपक्ष अभी शांत है लेकिन कमजोर नहीं। विपक्ष को कमजोर आकना भी नहीं चाहिए अन्यथा नतीजा का बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है। तूफान के आने के पहले सन्नाटा ही होता है तो क्या विपक्ष कोई बड़ा खेल खेलने वाला है? या फिर विपक्ष की सभी पार्टियों ने चुनाव के पहले ही भारतीय जनता पार्टी से हार मान लिया है। फिलहाल मिल्कीपुर विधानसभा का होने वाला उपचुनाव भाजपा के लिए लोहे चने चबाने के बराबर साबित होने वाला है। अब देखना है, योगी सरकार का चाबुक किन किन भ्रस्ट अधिकारीयों पर गिरता है और विपक्ष का अगला कौन सा कदम उठता है।




इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जन्म कुंडली में वेश्यावृति के योग

पक्षी आपका भाग्य बदले

भृगु संहिता के उपचार