रायबरेली में राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख 52 हजार से अधिक वाद निस्तारित

जनपद रायबरेली में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार शनिवार को वर्ष की द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायालय रायबरेली में माननीय जनपद न्यायाधीश तरुण सक्सेना की अध्यक्षता में तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी विद्याभूषण पाण्डेय अपर जिला जज की उपस्थिति में किया गया, जिसमें कुल 1,52,608 वाद निस्तारित किये गये। राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों द्वारा कुल 5811 वाद निस्तारित हुए एवं कुल 10,27,900 रूपये अर्थदण्ड के रुप में वसूल किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायबरेली के सचिव अपर जिला जज अनुपम शौर्य के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय जनपद एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सक्सेना के द्वारा कुल 2 वाद, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय अनुपमा गोपाल निगम के द्वारा 29 वाद, मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण के प्रभारी पीठासीन अधिकारी ध्रुव कुमार तिवारी के द्वारा 41 वाद एवं प्रतिकर धनराशि 2,71,70,000 विशेष न्यायाधीश (एस०सी०ध्एस0टी0एक्ट) प्रतिमा द्वारा 01 वाद, चतुर्थ अपर जिला जजध्विशेष न्यायाधीश ई०सी०एक्ट के द्वारा 59 वाद तथा प्रतिकर धनराशि रु0 49,97,870 विशेष न्यायाधीश पाक्सो आलोक कुमार सिंह द्वारा 02 वाद एवं 2000 रूपये का अर्थदण्ड, अपर जिला जज एफ०टी०सी०-प्रथम विद्याभूषण पाण्डेय के द्वारा 02 वाद अपर जिला जजध्एफ०टी०सी०-द्वितीय सुशील कुमार वर्मा के द्वारा 3 वाद एवं 1500 रूपये का अर्थदण्ड, अपर जिला जजध्एफ०टी०सी०- तृतीय विमल त्रिपाठी के द्वारा 1 वाद एवं 500 रूपये का अर्थदण्ड, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार सिंह के द्वारा 1546 वाद एवं 2,54,550 रूपये का अर्थदण्ड, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम अमोद कंठ के द्वारा 689 वाद एवं 2,10,110 रूपये का अर्थदण्ड, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-द्वितीय प्रभाष कुमार त्रिपाठी के द्वारा 1327 वाद एवं 3,56,500 रूपये का अर्थदण्ड, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय सिद्दीकी साईमा जरीर आलम के द्वारा 601 वाद एवं 10,660 रूपये का अर्थदण्ड, चतुर्थ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डा० विवेक कुमार-द्वितीय के द्वारा 144 वाद एवं 36,100 रूपये का अर्थदण्ड, अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय प्रथम चन्द्रमणि मिश्रा के द्वारा 11 वाद, अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वितीय रचना सिंह के द्वारा 8 वाद, अपर सिविल जज (वरिष्ठ संवर्ग) नीरज सिंह द्वारा 608 बाद एवं 1,13,920 रूपये का अर्थदण्ड, सिविल जज (वरिष्ठ संवर्ग) अनिशा के द्वारा 7 वाद निस्तारित किये गये जिसमें उत्तराधिकार मामलों में समझौता धनराशि रूपये 5,31,1100, सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) खैरुननिशों के द्वारा 12 वाद निस्तारित किये गये तथा उत्तराधिकार मामलों में समझौता धनराशि रूपये 15,42,674, सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) डलमऊ सुश्री वसुन्धरा शर्मा के द्वारा 12 वाद व प्रतिकर धनराशि रूपये 209741, न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय सुश्री ज्योति प्रकाश सिंह के द्वारा 177 वाद व अर्थदण्ड 2500 रूपये, ग्राम न्यायालय तहसील-लालगंज देवेश कुमार यादव के द्वारा 11 वाद, ग्राम न्यायालय तहसील-सलोन अंकित कुमार सिन्हा के द्वारा 30 वाद व अर्थदण्ड 300 रूपये, ग्राम न्यायालय तहसील-ऊँचाहार मनु गुप्ता के द्वारा 100 वाद व अर्थदण्ड 1000 रूपये, अपर सिविल जज कनिष्ठ संवर्ग प्रथम सुश्री श्रेया सोलंकी के द्वारा 96 वाद व अर्थदण्ड रूपये 1580, अपर सिविल जज कनिष्ठ संवर्ग द्वितीय शिवम वर्मा के द्वारा 153 वाद व अर्थदण्ड 28900 रूपये, अपर सिविल जज (कनिष्ठ संवर्ग) तृतीय शमवील रिजवान के द्वारा 55 वाद व अर्थदण्ड 6680 रूपये, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (लघु वाद) एच0एन0 मिश्रा के द्वारा 82 वाद व अर्थदण्ड 100 रूपये निस्तारित कर जमा कराये गये। 

इसके अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मदन लाल निगम द्वारा 14 वाद निस्तारित करते हुए 9,04,958 रूपये समझौता धनराशि तय की गयी। जनपद रायबरेली के समस्त विभागों के द्वारा प्री-लिटिगेशन के माध्यम से कुल 1,50,593 वादों का निस्तारण करते हुए कुल समझौता धनराशि रूपये 84439701 (आठ करोड़ चैवालिस लाख उन्तालिस हजार सात सौ रुपये) तय की गयी। इस प्रकार शनिवार को जनपद रायबरेली में राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल सभी विभागों द्वारा 1,52,608 मामले तय किये गये।

इस लोक अदालत में अन्य मामलों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ई-चालान के मामले, चेक बाउंस (एन0आई0एक्ट) के मामले तथा वैवाहिक विवाद के मामले निस्तारित किये गये। तलाक के मुहाने पर खड़े कई जोड़ों का सुलह-समझौता कराकर वापस भेजा गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला कारागार रायबरेली में बंदियों द्वारा बनाई गई सामग्री की प्रदर्शनी दीवानी न्यायालय में प्रदर्शित की गयी, जिसमें बड़ी संख्या में आमजन द्वारा प्रतिभाग किया गया। आमजन की सहायता के लिए न्यायालय परिसर में कई जगह सहायता पटल व हेल्प डेस्क बनाये गये।



 

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