हिन्दी देश की आन-बान और शान है

हिन्दी को राष्ट्र भाषा घोषित कर काम-काज से भारतीयता को आगे बढ़ायें

- सत्य प्रकाश मिश्रा, ब्यूरो चीफ सोनभद्र

जनपद सोनभद्र के शाहगंज के स्थानीय बाजार में स्थित ओड़हथा मोहल्ले में सोनभद्र के वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से हिन्दी दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी की गई। इस अवसर पर स्थानीय मीडिया एवं बुद्धिजीवियों ने राज भाषा हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। वक्ताओं ने कहा कि जितनी आवश्यकता अधिक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना जरूरी है उससे कहीं अधिक अपने देश में राष्ट्र भाषा हिन्दी का होना भी जरूरी है। वक्ताओं ने कहा, पूरे विश्व में हिन्दी ही एक मात्र ऐसी भाषा है, जो एक दूसरे को जोड़ने का काम करती है। कहा गया कि हिन्दी हमारे देश की बिन्दी है और देश की आन-बान और शान है। देश में राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी को घोषित किया जाना चाहिए। यही नहीं, हिन्दी को राष्ट्रभाषा के तौर पर समूचे राजकीय कार्यालयों में अधिकाधिक काम-काज किए जाने की जरूरत है। कहा गया कि आज के परिवेश में विदेशी भाषा अंग्रेजी को अपनी आन-बान और शान समझते हैं। बच्चों को भी उसी तरह के संस्कार दिए जा रहे हैं। जो भारतीय संस्कृति और सभ्यता के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। इस पर हम सभी को गंभीरता से विचार कर रोक लगाने की जरूरत है। आज यही कारण है कि अंग्रेजी माध्यम के महंगें आधुनिक विद्यालय कुकुरमुत्ते की तरह फैलते जा रहे हैं। जिसके कारण राजकीय विद्यालयों की दुर्दशा होती जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि पढ़ने वाले बच्चे प्रायमरी स्कूल में भी पढ़कर आगे बढ़ सकते हैं और न पढ़ने वाले बच्चे किसी भी विद्यालय में नहीं पढ़ सकते हैं। 

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार नागर, ज्ञानदास कन्नौजिया, डाक्टर रमेश कुमार कुशवाहा, राहुल सिंह पटेल, परिवेश श्रीवास्तव, काजू श्रीवास्तव, रामरूप शुक्ला, रामकेश विश्वकर्मा, शिवपूजन विश्वकर्मा, कृष्ण कुमार मिश्र, रिंकू पाठक आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन पत्रकार सत्य प्रकाश मिश्रा ने किया।



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