कचरा का सही प्रबंधन जरूरी
- संदीप रिछारिया
आगामी वर्ष के लिए बांदा और चित्रकूट जिले के ओ.डी.एफ. चयनित 325 गावों का 28 दिवसीय प्रशिक्षण जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर, चित्रकूट (डी.पी.आर.सी.) में चल रहा है। इसमें ग्राम पंचायत से ग्राम प्रधानगण, खण्ड प्रेरक, पंचायत सहायक व सफाई कर्मी भाग ले रहे है।
जनपद बाँदा के विकास खण्ड तिंदवारी से आये हुए ग्राम प्रधान, पंचायत सहायक, सफाईकर्मी एवं खण्ड प्रेरक का प्रशिक्षण शुभारंभ सम्मानित प्रधान एवं प्रतिभागियों के द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा में पुष्प अर्पित कर व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। डी.पी.आर.सी. के वरिष्ठ फैकल्टी सुजीत कुमार सोनी द्वारा प्रशिक्षण की भूमिका व अपेक्षा को बताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और मानव स्वास्थ्य लिए ठोस एवं तरल अपशिष्ट का बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं इसका उचित प्रबंधन न होना चिंता का विषय है, लगभग 88 प्रतिशत बीमारियों का कारण दूषित जल, स्वच्छता का अभाव तथा ठोस एवं तरल अपशिष्ट का अनुचित प्रबंधन है। यदि हम इसका सुरक्षित प्रबंधन करते है तो पर्यावरण को साफ और अपने गाँव के वातावरण को रोगाणुओं से मुक्त कर पाएंगे। इसके लिए भारत सरकार एवं पंचायती राज विभाग द्वारा यह प्रशिक्षण कराया जा रहा है, गाँव की स्वच्छता हमारी जिम्मेदारी इसके लिए प्रशिक्षण भी जरूरी है। जिससे ये अपने ग्राम पंचायत को ओ.डी.एफ. प्लस-माडल गाँव बनाने के लिए बेहतर कार्ययोजना बना सके।
प्रशिक्षको द्वारा ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न घटकों को विस्तार से बताते हुये ग्राम स्तर पर तैयार किये जाने वाले संसाधनो के तकनीकी मापदंड को विस्तार से बताया गया एवं प्रायोगिक अध्यन हेतु प्रतिभागियों को जनपद चित्रकूट के शिवरामपुर RRC (रिसोर्स रिकवरी सेंटर) का भी भ्रमण कराया गया जिससे एक माडल गाँव बनाने हेतु मुख्य कार्यो के प्रति अच्छी समझ बन सके और प्रधान अपनी गाँव को एक माडल गाँव बना सके। प्रशिक्षक विपुल पांडेय, सुजीत कुमार उपस्थित रहे।