नशा करने वाले युवा नहीं बन सकते माता-पिता का सहारा

हनुमानगढ़ मानस अभियान नशे को ना, जिंदगी को हां, नशा करने वाले युवा नहीं बन सकते माता-पिता का सहारा जिला कलेक्टर। तनाव का विकल्प नशीला जहर कभी नहीं कलेक्ट्रेट के भू-अभिलेखागार में जिला स्तरीय विषय विशेषज्ञ वार्ता कार्यक्रम हुआ। यहां विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। जिला कलेक्टर श्री काना राम ने कहा, विद्यार्थियों का सीपीयू खाली है, इसमें जो भी भरा जाएगा वही फीड होगा। बच्चों को हम जैसा दिखाएंगे, वैसा ही बनेंगे। इसलिए अभिभावक नशे जैसी बुराईयों को छोड़े। बच्चों का उज्ज्वल भविष्य संवारे। उन्होंने बच्चों से कहा कि नशे करने वालों को विभिन्न माध्यमों से समझाए। नशे के आफर को हमेशा ‘ना‘ ही कहना है। जीवन में कितनी भी शरारतें करना, क्योंकि वे माफी योग्य है, उन्हें भुलाया जा सकता है लेकिन नशा नहीं करना। इसे छोड़ना मुश्किल होता है। नशा करने वाले माता-पिता का सहारा भी नहीं बन सकते हैं। विद्यार्थी माता-पिता से करें नशा मुक्ति पर चर्चा जिला कलेक्टर ने कहा, कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को जागरूक करना है। विद्यार्थी नशे के बारे में इतने जागरूक हो जाए कि वह 10 मिनट तक नशे के बारे में बोल सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, घर जाकर माता-पिता से बातचीत करें। उन्हें बताएं कि नशा एक बीमारी है, उसको छोड़ने के लिए चिकित्सक के पास जाना होगा। विभिन्न सीएचसी तथा पीएचसी में नशा मुक्ति को लेकर शिविर हो रहे हैं। उन्होंने कहा, सभी विद्यार्थियों से उम्मीद करते है कि वे अभिभावकों से इस बारे में जरूर चर्चा करेंगे। तनाव का विकल्प नशीला जहर कभी नहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती राज कंवर ने कहा, नशे से जितनी ज्यादा दूरी रखोगे, उतना ही अच्छा होगा। तनाव का विकल्प नशीला जहर कभी भी नहीं हो सकता। उपखंड अधिकारी श्री मांगी लाल ने कहा कि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक ई-शपथ दिलाकर जागरूक किया जाए। इस दौरान बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक उपस्थित थे। विद्यालयों में भी वार्ताएं मानस अभियान अंतर्गत जिले के सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों की विषय विशेषज्ञों से संवाद कराया गया। चिकित्सक, मनोरोग चिकित्सक, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, शिक्षकों सहित नशे की रोकथाम पर कार्य करने वाले विशेषज्ञों ने बच्चों से वार्ता की। उन्होंने नशे से घर, समाज में फैले अंधियारे के बारे में बताया। इस दौरान विद्यार्थियों को मौसमी बीमारियों से बचाव के तरीके भी बताए गए।



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