रूप चौदस दीपावली के पूर्व महिलाओ के सजने-संवरने का दिन
रूप चौदस दीपावली पूर्व महिलाओं के सजने-संवरने का दिन
रूप चौदस चतुर्दशी महिलाओं के सजने-संवरने का दिन रूप चैदस दीपावली पूर्व महिलाओ के सजने-संवरने का दिन इस दिन को छोटी दीपावली और नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। पांच दिवसीय दीपावली पर्व में दीपावली से एक दिन पूर्व रूप चौदस के रूप में मनाया जाता है। जिसको लेकर अलग-अलग मान्यताएं ओर किदवंतिया है। इस दिन महिलाओ के लिए भी माना जाता है, जिसमे दीपावली से पहले महिलायें खुद को संवार सके। रूप चौदस पर महिलाओ की भीड़ उमड़ती देखी गई। महिलाओं से आज के दिन के महत्व पर जब बात की गई तो महिलाओ ने कहा कि दीपावली से पहले घर की साफ-सफाई की जिम्मा हमारे ही कंधों पर होता है। ऐसे में हम भी दीपावली मना सके इसी लिए आज का दिन अर्थात रूप चौदस हमारे लिए होता है। बहुत खास इस दिन को नरक चतुर्दशी वह छोटी दीपावली भी कहा जाता है।
दीपावली के एक दिन पूर्व कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दीपावली के रूप में मनाये जाने की परंपरा के साथ ही रूप चौदस वह नरक चतुर्दशी के रूप में भी इस दिन का अपना महत्व है। टोंक जिले में महिलाओं को आज के दिन खुद की सजने-संवरने के किये ब्यूटी पार्लरों पर देखाजाता है। जंहा महिलाये पहले से बुकिंग के बाद मौजूद नजर आई और दीपावली के इस पर्व को बहुत खास बनाने के लिए घर की सफाई और घर को सजाने के बाद खुद को दीपावली के लिए तैयार करती देखी गई। हिन्दू धर्म के प्रमुख पर्व दीपावली अर्थात हर्ष-उल्लास ओर मिठास वह रोशनी के इस पर्व को हम लक्ष्मी पूजन करके मनाएंगे। रूप चौदस ओर नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है। एक ओर जंहा दीपावली भगवान राम के 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या आने की खुशी में मनाए जाने वाला त्योहार है वही दीपावली से एक दिन पहले के इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में में भी पूजा जाता है जिसमे राम की नही भगवान श्री कृष्ण की पूजा होती है, इस दिन को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि आज के दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद लगभग 16 हजार महिलाओं को मुक्त करवाया था इस दिन पर देश के कई स्थानों पर यमराज की भी पूजा होती है, लेकिन राजस्थान के अधिकांश स्थानों पर इस दिन को रूप चौदस के रूप में ही मनाया जाता है।