विश्व पर भारत की शक्ति और सामर्थ का प्रभाव दिखने लगा है: आनंदीबेन पटेल, राजपाल उ.प्र

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय  दीक्षांत  समारोह में राजपाल  आनंदीबेन पटेल ने बांटे 82 पदक व 110 छात्र-छात्राओं को शोध उपाधियां दी

- राजेन्द्र कुमार ब्यूरो चीफ झांसी

बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय का 29वां  दीक्षांत समारोह बुधवार को आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान कीं, साथ ही प्रशस्ति पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया। इसके अलावा ग्रामीण महिलाओं द्वारा समूह बनाकर किए जा रहे कार्यों की सराहना की। समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी और उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।

कार्यक्रम का प्रारंभ जीवन और पर्यावरण के पांच तत्वों- आकाश, वायु, जल, पृथ्वी और अग्नि पर काव्य पाठ से हुआ। अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने एकल पुष्प एवं चंदन, रूद्राक्ष, शमी, एवं नीम के पौधे देकर किया गया। कार्यक्रम के उपरांत श्रीराम वाटिका में अर्पित किया जाएगा। कुलाधिपति एवं अतिथियों द्वारा विभिन्न स्नातक एवं परास्नातक पाठयक्रमों के सर्वोच्च छात्रों को मेडल प्रदान किए गए। 

राज्यपाल ने जिलाधिकारी झांसी और ललितपुर को दी आंगनवाड़ी हेल्थ किट 

राजपाल ने झांसी जिलाधिकारी अविनाश कुमार एवं ललितपुर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी को आंगनवाड़ी हेल्थ किट प्रदान करते हुए कहा, व्यवस्था करें इस प्रकार की हेल्थ किट हर आंगनबाड़ी केंद्र पर हर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पास रहे। आंगनबाड़ी हेल्थ किट के अंदर टावल, कंघी, नेल कटर, सुई-धागा, रंग। 

बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत चयनित 5 ग्रामों में छात्रों के मध्य कारायी गई प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। जल सहेलियों, ड्रोन पायलट ग्रामीण महिलाओं एवं अन्य महिलाओं द्वारा किए जा रहे है कार्यों की प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा, 21वीं सदी भारत के साथ ही महिलाओं की भी सदी है। उन्होंने कहा, बुंदेलखण्ड की जल सहेलियां अपने द्वारा किए गए जल संरक्षण के कार्यों के लिए आज मिसाल बनी है। ऐसे ही ग्रामीण महिलाओं के समूह द्वारा तालाब खोदने का कार्य, लोगों को शराब छुड़वाने एवं गांव में चल रहे जुओं को बंद कर बच्चों को स्कूल भेजने में महिलाएं एकजुट होकर कार्य कर रही है। ऐसे प्रयास ही किसी भी देश को आगे ले जाने में साधन बनते हैं। प्रधानमंत्री की पहल से आज ड्रोन तकनीक का कृषि में इस्तेमाल हो रहा है, ड्रोन दीदी की संकल्पना एवं ड्रोन पायलट ग्रामीण महिलाएं आज है। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय से कहा, वह फार्मेसी के अतिरिक्त कामर्स एवं अन्य विषयों में भी एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए अप्लाई करें।

ऐडेड एवं एफिलिएटिड कालेज को भी तैयार करें। आज जाब्स की प्रकृति बदल रही है, गेमिंग, एनिमेशन, फिल्म मेकिंग के साथ ही क्रिएटिविटी में अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने छात्रों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए क्रिएटिव क्षेत्र के 25 चैलेंजों का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों को इनमें भागीदारी करते हुए अपने अंदर छुपी प्रतिभाओं को अफसर देना चाहिए। दिवाली पर खरीदे स्थानीय लोगों के उत्पाद राष्ट्रीय एकता दिवस पर मनाये कार्यक्रम, महामहिम राज्यपाल ने कहा कि कुछ ही दिनों में दिपावली जैसा राष्ट्रीय उत्सव आने वाला है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम स्थानीय कुम्हारों द्वारा बनाए गए दिए, स्थानीय बुनकरों से निर्मित कपड़ों एवं अन्य सामग्री एवं अन्य स्थानीय कामगारों के बनाए गए उत्पादों का ही प्रयोग करें। उन्होंने राष्ट्रीय नायक सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर उनके द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय एकता के करो पर छात्रों को जागरूक करने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, भारत की 500 रियासतों को जोड़कर अखंड भारत बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। इसके पूर्व कुलाधिपति ने बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा लगाए गए स्टाल, बुंदेलखण्ड गौरव काला दीर्घा, ऋषि धाम्य प्रसंस्करण उत्पादन केंद्र, बुंदेलखंड एक्टिव स्टार्टअप इनक्यूबेशन काउंसिल, इंस्टिटयूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के छात्रों के इन्नोवेशन आईडियाज विद वर्किंग माडल, संस्कृत विथिका एवं बाल विकास सेवा एवं उस्ताहार विभाग के स्टालों का अवलोकन किया। छात्र ऋतिक पटेल द्वारा कुलाधिपति को 100 रचित कविता भेंट की गई। गजेंद्र सिंह द्वारा कुलाधिपति का चित्र भेंट किया गया। फूड टेक विभाग द्वारा मिलेट्स से निर्मित खाद्य पदार्थों की पोटली प्रदान की गई। 

योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री ने विशिष्ट उद्बोधन में कहा, झांसी की भूमि शौर्य, धर्म, कला, और साहित्य का संगम है। इसलिए यह पूजनीय एवं वंदनीय दोनों है। मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई दी एवं जो कुछ अंकों से रह गए उनके लिए कहा, कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता। उन्होंने छात्रों को ज्ञान और कौशल को आधार बनाकर समाज, राष्ट्र एवं सृष्टि के लिए उपयोग करने के लिए कहा। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वह संस्कृति के वाहक बने एवं शिक्षक गुरू बनकर छात्रों को पढ़ाने की बजाय सीखाने को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि माननीय राज्यपाल ने शिक्षा को सामाजिक सरोकारों के साथ जोड़ा है इसका परिणाम है कि आज देश में सबसे अधिक ए प्लस विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम तय कर रहा है, इसमें केंद्र सरकार ने भी आर्थिक सहायता प्रदान की है। रजनी तिवारी उच्च शिक्षा राज्य मंत्री विशिष्ट अतिथि ने सभी छात्रों को मेडल एवं उपाधि प्राप्त करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, तुलसीदास, मैथिलीशरण गुप्त, वृंदा लाल वर्मा, पीतांबरा माता एवं ओरछा श्री राम धाम की भूमि आस्था एवं पुष्प से पलवित है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नई शिक्षा नीति के साथ ही चिंतन, ज्ञान एवं परंपरा की त्रिवेणी को साकार रूप प्रदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश के शिक्षा संस्थानों ने अपने प्रयासों से संकल्प को सिद्ध में परिवर्तित किया है। नेक ए प्लस प्राप्त करने पर उन्होंने राजपाल के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने मेडल प्राप्त करने वाली छात्राओं की अधिक संख्या पर कहा कि प्रधानमंत्री बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वैसे भी झांसी अपनी रानी के लिए पूरे विश्व में जानी जाती है। उन्होंने छात्रों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करने के लिए प्रेरित किया और साथ ही कहा, हम सकारात्मक सोच से स्वयं के साथ अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को भी आगे ले जाने में सहायक होंगे। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की डा. अचला पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह, वित्त अधिकारी प्रमोद कुमार, पूर्व वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर, झांसी एवं ललितपुर के जनप्रतिनिधि, अधिकारी गण, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्य, विभिन्न संकायों के संकाय अध्यक्ष, शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।



 

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