चेपुआ मछली खानी हो तो कुशीनगर आयें

चेपुआ मछली में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के साथ ही प्रोटीन, जिंक, मैगनीशियम, कैल्सियम, आयरन और पोटेशियम जैसे तमाम पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं

- राजीव प्रताप सिंह, सहायक संपादक

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के पनियावां में सन 2015 में अमेरिकन फूड सोसायटी ने भारत, नेपाल के वैज्ञानिकों की मदद से नारायणी गंडक की चेपुआ मछली पर एक अध्ययन शुरू कराया, जो करीब दो साल तक चला यह शोध आज पनियावां की चेपुआ मछली को ग्लोबली इंटरेस्ट पर लाकर खड़ा कर दिया है। नेपाल से निकलकर यूपी-बिहार में बहने वाली बड़ी गंडक (नारायणी) नदी, कुशीनगर के पनियावाँ चैराहे से मात्र 3 किलोमीटर के किनारे पर ही स्थित है।

चेपुआ का वैज्ञानिक नाम एस्पिडोपोरिया मोरर है

यह केवल नारायणी नदी में ही पायी जाती है नेपाल के नवलपरासी से कुशीनगर के पनियावाँ व बिहार तक गंडक नदी में यह मछली छह स्थानों पर ही दिखेगी। पनियावाँ में सबसे अधिक मिलने वाली कुल मछलियों की प्रजातियों में 50 फीसदी चेपुआ प्रजाति की है, और इन दिनों पनियावां पर चेपुआ से जुड़े ढाबों को संख्या की कोई गिनती ही नहीं है। इसी गलोबली इंटरेस्ट के चलते आज इस चेपुआ की कीमत 480 रूपए किलो है, सरसो के तेल मे ही तवे पर शेलो फ्राई, खड़ी पीसी सरसो मिर्च लहसुन हल्दी का मेरिनेशन वाकई मे चहेतों के जुबान को चटखाने का काम करता है।

फिलहाल ये मछली वाला ढाबा दिप्लाल निषाद जी द्वारा 8 साल से चलाया जा रहा है, मुरमुरे के साथ जायका करारा वा नरम आपको कैसा खाना है वो तो आपके स्वाद पर ही निर्भर करता है। इस चेपुआ मछली में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के साथ ही प्रोटीन, जिंक, मैगनीशियम, कैल्सियम, आयरन और पोटेशियम जैसे तमाम पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।




 

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