केकड़ी के सांपला में अन्नकूट पर अनूठी परम्परा

राजस्थान को अनूठी परंपराओं की धरती मन जाता है और बात जब दीपावली की हो तो इसे मनाने के तरीके भी यहां अलग-अलग देखने को मिलते हैं। केकड़ी जिले के सांपला गांव में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पर गाय के मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला पिछले 600 सालों से होता आ रहा है, जिसमें आसपास के कई इलाकों के साथ ही देशभर से श्रद्धालु शामिल होने के लिए आते हैं। अन्नकूट के दिन यहां गांव में भगवान की सवारी निकाली जाती है और हजारों गायें यहां इकट्ठा होते हैं। इन गायों में से कोई एक गाय खुदबखुद भगवान की सवारी के नीचे से निकलकर मंदिर के अंदर तक जाती है। इसी देखने के लिए ही लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं। पिछले सैकड़ों सालों से निभाई जा रही इस परम्परा में सबसे पहले भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना कर उनके बिवाण को पूरे गांव में घुमाते हुए गायों के इकट्ठा होने से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर रख भजन-कीर्तन किए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर, हजारों गायों के झुंड में भगवान के घोटानुमा दडे को घुमाया जाता है, जिसके बाद इन हजारों गायों में से कोई एक गाय दौड़ती हुई भगवान के बिवाण तक पहुंचती है और बिवाण के नीचे से निकलकर मंदिर के अंदर तक जाती है। इस परंपरा के अनुसार गाय के रंग से आने वाली फसल कैसी होगी, इसका आकलन किया जाता है। इसके बारे में यहां मंदिर में सेवा पूजा करने वाले महंत का कहना है कि पुरातन काल में यहां स्वयं द्वारकाधीश पधारते थे और उनके यहां आने की स्मृति में ही बरसों से यह मेला होता आ रहा है।



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