बद्री प्रसाद ने नौ वर्ष की उम्र में थामा था तिरंगाः शत्रोहन सोनकर
- स्वतन्त्रता सेनानी की 27 वीं पुण्यतिथि एकता दिवस के रूप में मनी
- चन्द्रशेखर आजाद पार्क में आयोजित की गयी गोष्ठी
स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी बद्री प्रसाद यादव की 27वीं पुण्य तिथि चन्द्रशेखर आजाद पार्क रायबरेली में एकता दिवस के रूप में विभिन्न संगठनों द्वारा मनायी गयी। इस अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के प्रदेश संगठन मन्त्री मुकेश रस्तोगी एवं संचालन सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओपी यादव ने किया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शत्रोहन सोनकर ने कहा कि बद्री प्रसाद यादव ने 9 वर्ष की आयु में 6 जनवरी 1921 को अपने पिता सद्धू प्रसाद यादव एवं माता श्रीमती इंदिरा यादव के साथ ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ तिरंगा थामा था और जेल गये थे। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए सपा जिलाध्यक्ष इं. वीरेन्द्र यादव ने कहा कि अंग्रेजों के चाटुकार सरदार निहाल सिंह ने जिल्ला जलाने व फसल नष्ट करने का झूठा मुकदमा थाना जगतपुर में लिखाकर जेल भिजवाया था। कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने कहा कि बद्री प्रसाद का विवाह स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी श्रीमती उमराई यादव के साथ हुआ था, जिन्होनें 12 वर्ष की आयु में वानर सेना में शामिल होकर सत्याग्रह शुरू किया था। आई.टी.आई. श्रमिक संघ के जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीके शुक्ल ने कहा कि बद्री प्रसाद यादव के परिवार ने कभी भी स्वतन्त्रता सेनानी परिवार को मिलने वाला लाभ नहीं लिया। आप पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा कि बद्री प्रसाद यादव जगतपुर थाना क्षेत्र के पूरे तिवारी, मजरे उड़वा में पैदा हुए थे। आजादी की लड़ाई में मिलने के बाद पीएसी में नौकरी की थी। सपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र प्रधान ने कहा कि बद्री प्रसाद यादव के एक पुत्री राजकुमारी यादव तीन पुत्र रामनरेश यादव, स्व0 राम बहादुर यादव व ओपी यादव है। इस अवसर पर आलोक विक्रम सिंह, अंकित सौरभ, बहादुर यादव, अनुज बरवारी, शिवकुमार अग्रहरि, रोहित चैधरी, शिवनारायन सोनकर, आई. जावेद, उमाशंकर चैधरी, महामंत्री सपा अरशद खान, विनायक सोनकर, मो0 मुशीर खाँ, मिश्रीलाल चैधरी, देवतादीन पासी, राम मिलन मौर्य, आशू, रमेश मिश्रा, सुशील कुमार मौर्य, पवन अग्रहरि आदि लोगों ने बद्री प्रसाद यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।