महाकुंभ 2025 में एक थैला, एक थाली अभियान शुरू
महाकुंभ मेले को पर्यावरण प्रदूषण से बचाने के लिए एक थाली, एक थैला अभियान शुरू
- पीयूष त्रिपाठी/संदीप रिछारिया
बारह वर्षो बाद 2025 में आयोजित होने जा रहा महाकुंभ पर्व समूचे विश्व को इस बार कई संदेश और उदाहरण देने जा रहा है। एक तरफ नई तकनीक, संचार व आधुनिक सुविधाओं का संजाल है तो दूसरी तरफ करोड़ों लोगों के भारी जमावड़े का भार भी है ऐसे में एक ऐसे मेले की कल्पना करना जो पर्यावरण को न केवल शुद्ध रखे बल्कि शुद्धता को आगे तक ले जाये। इकोलाजी सिस्टम की रक्षा करें, काफी मुश्किल काम है। नमूने के तौर पर भोजन पात्र की व्यवस्था आज प्लास्टिक युग है खान-पान के पात्र या तो प्लास्टिक हैं या फिर कागज अथवा हरे पत्तों के जो कि उपयोग के बाद पर्यावरण के लिए नुकसानदेह ही होते हैं। इस समस्या का समाधान निकाला है सनातन शोध संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविन्द नारायण त्रिपाठी व उनके सहयोगियों ने। किसी भी कुंभ में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि भोजन करने के लिए स्टील की थालियां वितरित की जा रही हैं। इस का नाम है एक थाली, एक थैला अभियान। इसके तहत करोड़ों थालियां वितरित की जायेंगी। प्रथम चरण में 15 लाख थालियां महाकुंभ में आ चुकी हैं और 40 हजार का वितरण हो चुका है। डा. गोविन्द्र नारायण त्रिपाठी ने विशेष वार्ता में बताया कि पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तहत यह योजना बनाई गई ताकि हरित कुंभ की परिकल्पना को मूर्तरूप दिया जा सके। उन्होंने बताया कि जितने भी अखाड़ें शिविर लगे हैं सभी जगह यह थालियां दी जायेंगी ताकि भोजन प्रसाद करने वाले श्रद्धालु इनमें भोजन करें और पर्यावरण में गंदगी न फैले। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा कार्य है जो आज तक किसी भी मेले में या सार्वजनिक स्थल की भीड़ में नहीं हुआ है। पूरी उम्मीद है कि एक थैला, एक थाली अभियान लिमका बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में शामिल होगा। बताया कि संतों, विरक्तों के पास कोई गृहस्थी नहीं होती, कुंभ मेले में आने वाले देश-विदेश के लोग भी आम तौर पर खाने का कोई बर्तन लेकर नहीं आते उन्हें असुविधा तो होती ही है साथ ही प्लास्टिक व थर्माकोल, कागज से गंदगी भी फैलती है। सफाई कर्मियों को भी बहुत दिक्कत होती है। सनातन शोध संस्थान के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व पेज 3 न्यूज के यूपी स्टेट हेड पीयूष त्रिपाठी ने भी संस्थान द्वारा किये जा रहे इस अद्भुत कार्य की सराहना की है। निश्चित तौर पर थालियों की यह व्यवस्था विश्व की अनूठी व्यवस्था है।
अगाध आस्था को खुद में समाहित करने वाले इस महाकुंभ में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने के साथ ही उसके विकल्प के रूप में दोने-पत्तल, कुल्हड़, जूट एवं कपड़े के थैले आदि जैसे प्राकृतिक उत्पाद बड़े स्तर पर तैयार किए जा रहे हैं। इस कार्य के लिए उत्तर प्रदेश के 28 जिलों सहित बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड की महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में ही इन प्राकृतिक उत्पादों के स्टाल लगाकर पूरे क्षेत्र में सप्लाई की जाएगी। प्रयागराज नगर निगम ने मेला क्षेत्र के दुकानदारों को भी प्राकृतिक उत्पादों का ही प्रयोग करने का निर्देश जारी किया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादों के प्रयोग की रोकथाम के लिए 250-250 के बैच में करीब 1800 गंगा सेवादूतों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये गंगा सेवादूत महाकुंभ में स्वच्छता के साथ ही मेला क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाएंगे। विशेष तौर पर ये सेवादूत शौचालय, सड़कों की सफाई व्यवस्था, टेंट सिटी का निरीक्षण करेंगे और किसी तरह की गंदगी या गड़बड़ी पाए जाने पर इन्फार्मेशन, कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आईसीटी) सिस्टम के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही शहर में सभी पालिथीन बैग के थोक विक्रेताओं को भी पूरे शहर में पालिथीन की सप्लाई रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा प्रमुख स्नान अवधि के दौरान स्थानीय उद्योग अस्थायी रूप से बंद रहेंगे, ताकि गंगा घाटों की स्वच्छता एवं पवित्रता बनी रहे और लाखों भक्तों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित वातावरण तैयार हो सके। महाकुंभ के दौरान स्वच्छ कुंभ कोष के तहत सभी सफाई कर्मियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत किया जाएगा और जीवन बीमा पालिसियों की व्यवस्था भी की जाएगी। प्रत्येक सफाई कर्मचारी के लिए स्वच्छता कालोनी बनाकर आवास की व्यवस्था भी की जाएगी और उनके बच्चों के लिए आंगनवाड़ी और स्कूल बनाए जाएंगे। प्रति दिन के हिसाब से सफाई कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी का सीधा बैंक हस्तांतरण सुनिश्चित कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वच्छता कर्मियों, गंगा सेवादूतों और नाविकों को सेफ्टी किट, लाइफ जैकेट और सफाईमित्र सुरक्षा बीमा योजना के सर्टिफिकेट प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री द्वारा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट कंट्रोल रूम का भी अनावरण किया गया है। इसके माध्यम से अब शहर के नागरिकों की ठोस कचरे से संबंधित सभी तरह की शिकायतों का घर बैठे निस्तारण किया जा सकेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से शहर की स्वच्छता की रियल टाइम मानिटरिंग संभव हो सकेगी। स्वच्छ और सुव्यवस्थित विशाल धार्मिक आयोजन सुनिश्चित करने लिए मेला प्रशासन द्वारा लगभग 1.5 लाख शौचालय और 10,000 से अधिक सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। इन सफाई कर्मचारियों को 850 टीमों में बांटकर कुंभ मेला ग्राउंड में तैनात किए जाने की तैयारी की जा रही है। यहां मेला ग्राउंड में 25,000 कूड़ेदान भी लगाए जा रहे हैं, जिनके लिए 37,75,000 लाइनर बैग आर्डर किए गए हैं। महाकुंभ के दौरान प्रतिदिन 390 मीट्रिक टन एवं 45 दिनों में 17,550 मीट्रिक टन कचरा उत्पादित होने का अनुमान लगाया है। यहां प्रत्येक कूड़ेदान 25-25 मीटर की दूरी पर रखा जाएगा। कचरे को इकट्ठा करने के लिए जीपीएस से लैस 120 टिपर वैन और 40 काम्पैक्टर ट्रक की व्यवस्था भी की जाएगी। टिपर वैन की क्षमता लगभग 1.2 से 1.4 टन तक की होगी और काम्पैक्टर की क्षमता 7-9 टन होगी। टिपर वैन और काम्पैक्टर ट्रक दिन में तीन बार मेला परिसर से कचरा इकट्ठा करके सालिड वेस्ट मैनेजमेंट साइट तक पहुंचाएंगे। शौचालय की स्वच्छता के लिए जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही सेसपूल आपरेशन प्लान भी तैयार किया जा चुका है, जिसकी सहायता से निर्दिष्ट स्थानों पर अपशिष्ट का उचित निपटान किया जाएगा। शौचालय में स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड के माध्यम से प्रबंधन और निगरानी की जाएगी। महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए शहर में निरंतर जन-जागरूकता अभियान और जगह-जगह नुक्कड़ नाटकों का भी आयोजन किया जा रहा है। शहर की दीवारों पर एक से बढ़कर एक कलाकृतियों को उकेर कर सौंदर्यीकरण के साथ-साथ स्वच्छता के संदेश भी घर-घर पहुंचाए जा रहे हैं। एक अभिनव पहल “स्वच्छता का संदेश पोस्ट कार्ड के संग” के अंतर्गत नगर निगम प्रयागराज द्वारा स्कूली छात्रों के साथ 1 लाख पोस्ट कार्ड अभियान की शुरूआत भी की गई है, जिसका उद्देश्य लगभग 4 लाख नागरिकों तक स्वच्छता का संदेश पहुंचाना है। स्वच्छ एवं सुंदर महाकुंभ सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे कदम वास्तव में प्रेरणादायक हैं, जो कि महाकुंभ 2025 को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इतना ही नहीं, महाकुंभ का भव्य आयोजन विश्व भर में स्वच्छता के स्थायी समाधानों का प्रेरक संदेश पहुंचाएगा।
राष्ट्रीय महासचिव संदीप रिछारिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शानू गुप्ता, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) डाक्टर मनोज द्विवेदी, अश्वनी श्रीवास्तव, आनंद सिंह, राष्ट्रीय प्रभारी महिला सरस्वती सोनी, गुरू प्रसाद शुक्ला, डाक्टर राकेश कुमार, पुष्पराज कश्यप मीडिया प्रभारी बुंदेलखंड, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी पीयूष त्रिपाठी आदि ने इस कार्य के लिए खुशी जताई।