हम-तुम रूसी नाटक ओल्ड Old World का हिन्दी रूपान्तर

हम-तुम नाटक का मंचन जीवन के किसी भी पड़ाव पर प्रेम मित्रता स्थापित करने का संदेश देती है

- विशेष संवाददाता

वरिष्ठ निर्देशक सुदीप चक्रवर्ती के निर्देशन में रूसी नाटककार अलेक्सी द्वारा लिखित ओल्ड वल्र्ड  (Old World) नाटक का हिन्दी रूपान्तर हम-तुम मूल नाटक का संगीत नाटक अकाडमी के प्रेक्षागृह में मंचन किया। हम-तुम नाटक में प्रेक्षागृह दर्शकों से खचाखच भरा था। 

दर्शकों में बुर्जुगों, महिलायें, बाल-बच्चे, युवाओं सहित दुबई से आये दर्शक इ. रविदत्त, उत्कर्ष, आयुष, लखीमपुर खीरी डा. भानु प्रताप सिंह पेले, अधिकारी एल.आई.सी. राम अचल, मुन्ना, उप निदेशक सूचना से.नि. प्रमोद कुमार आदि सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

नाटक के निर्देशक सुदीप चक्रवर्ती द्वारा बताया गया कि नाटक में रिश्तों की उलझनों, पहचान की खोच और समाज के नियमों की सीमाओं की गहराई पर मार्मिक तरीके से दर्शाया गया है। हम-तुम नाटक मंच पर डा. भुल्लर- गोविन्द सिंह यादव, सरिता- सुगंधा पाण्डेय प्रस्तुति दो वृद्ध व्यक्तियों की कहानी है जो जीवन के अंतिम पड़ाव में एक-दूसरे से मिलते है और उनके बीच एक अनोखा प्रेम का संबंध विकसित हो जाता है। नाटक की पृष्ठभूमि एक सैनिटोरियम स्वास्थ्य केन्द्र है जहाँ वृद्ध 61  वर्षीय डाक्टर सरदार भुल्लर सिंह एकांकी जीवन में मरीजों के साथ व्यस्त है उनकी पत्नी मर चुकी है और उनकी बेटी बैंगलूर में रहती है। जो प्रायः उनसे मिलने नहीं आती है। एक दिन 55 वर्षीय महिला सरिता केन्द्र में भर्ती होती है, जो डाक्टर भुल्लर के शांत जीवन में एक हलचल सिरहन पैदा करती है। सरिता जीवन से भरपूर उत्साही और स्वतन्त्र विचारों की महिला है।

शुरू में डाक्टर भुल्लर सरिता की चंचलता और स्वतन्त्रता से परेशान होते है लेकिन धीरे-धीरे वे उनकी जीवन के प्रति उत्साह और सकारात्मक दृष्टि कोण से प्रभावित होते है। भुल्लर डाक्टर को उनके एकांकी जीवन से बाहर निकालकर जीवन का आनन्द लेने को प्रेरित करती है। 

दोनों के बीच एक गहरा सम्बन्ध विकसित होता है जो कि यह दर्शाता है कि जीवन के किसी भी पड़ाव पर प्रेम और मित्रता सम्भव है। नाटक के वरिष्ठ निर्देशक स्वयं एक सीनियर सिटीजन है जो स्वयं में एक आम लोगों को कुछ निरन्तर करने का संदेश देते रहते हैं। ये नाटक इमेन्स आर्ट एण्ड कल्चर सोसाइटी और रामादेवी चेरिटेवल ट्रस्ट और संगीत का नाटक अकादमी के रंग मंच योजना के अन्तर्गत संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि प्रेक्षागृह में मंचन किया गया। जिसे दर्शको ने तालिया बजाकर कलाकारों का उत्साह वर्धन किया गया। नाटक का रूपांतरण राहिल भारद्वाज, निर्देशन सुदीप चक्रवर्ती, मंच पर प्रकाश दिखा रहे विवेक राणा, संगीत राहुल शर्मा सेट, विवेक राणा, विक्रम कटियार, पोस्टर गोविन्द सिंह यादव आदि मंच पर कलाकार रहे। नाटक हम-तुम का दर्शक समाजसेवी पूर्व लेखाधिकारी पत्रकार सीनियर सिटीजन प्राग दत्त, राम नारायण, दोहरे, रमा सिंह, चन्द्रसेन भारती, श्रवण कुमार, रमेश मनोरमा, शक्ति कृष्ण त्रिपाठी, आयुष दत्त आदि द्वारा सराहा गया और नाटक मंचन की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।



 

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