ऊंच-नीच, भेदभाव और पाखण्ड के विरोधी थे संत रविदास जी: डा. लोकपति सिंह
- सत्य प्रकाश मिश्रा, ब्यूरो चीफ सोनभद्र
जनपद सोनभद्र के शाहगंज क्षेत्र के विभिन्न गांवों में संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर आकर्षक झांकियां निकाली गई और गोष्ठी भी आयोजित हुई है। गोष्ठी में वक्ताओं ने संत शिरोमणि के विचारों तथा सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में पिपरी नंबर दो में संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। बतौर मुख्य अतिथि सपा के जिला उपाध्यक्ष डा. लोकपति सिंह पटेल ने रविदास जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, संत रविदास जी ने विचारों के मैल अर्थात गंदगी को धोने का काम किया। उन्होंने मन चंगा तो कठौती में गंगा को दोहराते हुए कहा कि शिरोमणि रविदास जी ने कहा था कि यदि मन में आस्था और अच्छे विचार हो तो भगवान निश्चय ही मिलेंगे। डा. पटेल ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा, बिना शिक्षा के सम्मान और समाज में स्थान नहीं मिल सकता, ऐसे में सभी को शिक्षित होना जरूरी है। नशे से दूर होने का सुझाव देते हुए आम जन मानस से कहा कि यदि विचारों का परिवर्तन हो तो सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने आगे कहा, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने जहाँ संविधान के जरिए समाज के लोगों को हक और अधिकार देने का काम किया वहीं रविदास जी ने अपने विचारों के माध्यम से समाज के अंतिम पायदान पर रहने वाले लोगों को अपनी लेखनी से परिवर्तन करने का काम किया। विशिष्ट अतिथि अपना दल के जिला प्रवक्ता विकास सिंह पटेल ने कहा कि कर्म, धर्म और ईमानदारी युक्त आस्था होनी चाहिएद्य उन्होंने कहा कि संत रविदास ने ऊंच-नीच, भेदभाव और पाखंड को खत्म करने का प्रयास किया। गोष्ठी को पूर्व प्रधान काशीनाथ आदि ने भी संबोधित करते हुए संत रविदास के विचारों और सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। संचालन आयोजक रामरक्षा भारती ने किया। इस मौके पर अभिषेक केशरी, आशीष पटेल सहित तमाम ग्रामीणजन मौजूद रहे।