काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह का भव्य आयोजन
दुर्लभ दस्तावेजों की ऐतिहासिक प्रदर्शनी का शुभारंभ, क्रांतिकारियों की विरासत को किया गया याद
- विजय भारत
शाहजहांपुर में महुआ डाबर संग्रहालय द्वारा आयोजित ‘काकोरी एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह’ के अंतर्गत दो दिवसीय दुर्लभ दस्तावेजों की ऐतिहासिक प्रदर्शनी का शुभारंभ एस.एच. आईटीआई सभागार में हुआ। इस अवसर पर चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस को याद करते हुए क्रांतिकारियों के योगदान पर चर्चा की गई।
प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ IAS अधिकारी बिपिन कुमार मिश्रा ने कहा, महुआ डाबर संग्रहालय ऐतिहासिक रूप से अपनी भूमिका अदा कर रहा है। हमें इस संग्रहालय की मुहिम को सहयोग देना चाहिए, ताकि क्रांतिकारियों की विरासत आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे।इस प्रदर्शनी में काकोरी केस से जुड़े ऐतिहासिक पत्र, डायरी, टेलीग्राम, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, मुकदमे की फाइलें, स्मृति चिह्न, दुर्लभ तस्वीरें और अन्य ऐतिहासिक दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया। साथ ही, एक सेमिनार का आयोजन भी हुआ, जिसमें क्रांतिकारियों के संघर्ष और उनकी विचारधारा पर प्रकाश डाला गया।
समारोह के मुख्य अतिथियों में अशफाक उल्ला खां, तनुज मिश्रा, साबिरा बेगम, डा.. दीपक सिंह, डा. तुफैल, डा. प्रशांत अग्निहोत्री, रेहान खान, कमर किशोर कठेरिया, अशफाक अली खां आदि शामिल रहे। संचालन इंदु अजनबी ने किया वहीं, इस आयोजन में नासिर हुसैन, रफी खान, जसवीर सिंह, आरिफ हुसैन, कुमारी बेबी, रामेश्वर दयाल पाल, हाजी रिजवान खां, पुष्पा देवी, आदिल हुसैन, आकांक्षा गुप्ता, इकबाल हुसैन आदि ने सहयोग दिया।महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डा. शाह आलम राना ने बताया कि शताब्दी वर्ष के अंतर्गत अब तक गोरखपुर (8-9 अगस्त 2024), अयोध्या (7-9 दिसंबर 2024), अंबाह, मुरैना (17-19 दिसंबर 2024) में सफल आयोजन हो चुके हैं। इसी कड़ी में शाहजहांपुर चैथे आयोजन का गवाह बना।
क्रांतिकारियों की रणनीति और काकोरी कांड का ऐतिहासिक विवरण, क्रांतिकारियों को धन की जरूरत और काकोरी ट्रेन डकैती की योजना हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के नेतृत्व में राम प्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों ने क्रांति के लिए धन जुटाने के प्रयास किए। पहले व्यक्तिगत संपत्तियों की लूट से बचने के लिए इलाहाबाद बैंक लूटने की योजना बनी, लेकिन ड्राइवर न मिलने के कारण यह योजना टल गई। अंततः 8 डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन में अंग्रेजों का खजाना लूटने का फैसला किया गया।
9 अगस्त 1925 को शाम 6.55 बजे ट्रेन रूकते ही क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाने से 4679 रूपये 2 आना 2 पैसे लूट लिए। हालांकि, अखबारों ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर 10,000 रूपये बताया।
काकोरी एक्शन के बाद 43 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया। ‘प्रताप’ समाचार पत्र ने इस पर ‘देश के नररत्न गिरफ्तार’ शीर्षक से विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की। मुकदमे में आईपीसी की धाराएं 121।A 120B और 396 लगाई गईं।
प्रदर्शनी में प्रदर्शित ऐतिहासिक दस्तावेज फैसले की प्रतियां चीफ कोर्ट आफ अवध जजमेंट फाइल काकोरी षडयंत्र केस सप्लिमेंट्री जजमेंट फाइल प्रिवी काउंसिल, लंदन की अपील महत्वपूर्ण रजिस्टर मिशन स्कूल, शाहजहांपुर (राम प्रसाद बिस्मिल, 1919) फैजाबाद कारागार रजिस्टर (अशफाक उल्ला खां का विवरण) ऐतिहासिक दस्तावेज अशफाक उल्ला खां की हस्तलिखित डायरी काकोरी चार्जशीट स्पेशल मजिस्ट्रेट सैय्यद ऐनुद्दीन की रिपोर्ट ‘सरफरोशी की तमन्ना’ कविता की मूल प्रति टेलीग्राम और पत्र, गृह विभाग, शिमला से अशफाक उल्ला खां की मां को भेजा गया टेलीग्राम, अशफाक उल्ला खां का पत्र कृपाशंकर हजेला के नाम, अमर बलिदान और क्रांतिकारियों की याद, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह को क्रमशः गोंडा, गोरखपुर, फैजाबाद और इलाहाबाद जेल में फांसी दी गई। इस आयोजन के माध्यम से उनके बलिदान को फिर से याद किया गया और उनके विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।
शताब्दी समारोह, स्वतंत्रता संग्राम के अमर नायकों को श्रद्धांजलि इस प्रदर्शनी और सेमिनार ने युवाओं को इतिहास से जोड़ने और स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं को जीवंत करने का कार्य किया। आयोजकों ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित करने की योजना भी बनाई है, ताकि आने वाली पीढ़ी क्रांतिकारियों के संघर्ष को महसूस कर सके।