तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

एआई, मशीन लर्निंग एवं डाटा साइंस के युग में मानव मस्तिष्क की उपयोगिता बनाए रखना चुनौती: प्रो मुकेश पाण्डेय

गणित, विज्ञान एवं कंप्यूटर साइंस विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन 

महत्वपूर्ण शोध पत्रों का स्प्रिंगर जर्नल में प्रकाशन किया जाएगा

- राजेन्द्र कुमार

जनपद झांसी में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन के अवसर पर कुलपति ने कहा, वर्तमान छात्रों के लिए चुनौती है कि वह किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डाटा साइंस और मशीन लर्निंग के दौर में अपने मस्तिष्क की उपयोगिता बनाए रखें। टेक्नोलाजी का उपयोग करते वक्त हमें प्रिंट क्रिटिकल थिंकिंग एबिलिटी पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

टेक्नोलाजी के आ जाने से डाटा एनालिसिस बहुत तीव्र गति से हो जाता है जिससे शोध कार्यों में अधिक सहायता मिलती है। समारोह के मुख्य अतिथि आईआईटीटीएम के निदेशक प्रोफेसर आलोक शर्मा ने कहा, तकनीक का प्रयोग करते वक्त हमें ध्यान रखना चाहिए कि इससे संपूर्ण विश्व का सतत विकास किया जा सके। इसके पूर्व कान्फ्रेंस चेयर प्रोफेसर आलोक कुमार वर्मा ने सभी अतिथियों को स्वागत किया। संगोष्ठी संयोजक धर्मेंद्र कुम्हार ने तीन दिवस की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की। 

आभार डा. अतुल मकराडिया एवं डा. अनिल केवट ने व्यक्त किया। संचालन डा. अंजलि सक्सेना एवं डा. किस्मत चिल्लर ने किया। 

इस अवसर पर डीन साइंस प्रोफेसर आरके सैनी, प्रोफेसर सौरभ श्रीवास्तव, डा. धर्मेंद्र बादल, डा. धर्मेंद्र कंचन, डा. पुनीत मातापुुलकर उपस्थित रहे। सम्मेलन में एमसीए, बीसीए, बीएससी- मैथ्स, स्टेट्स एवं कंप्यूटर साइंस, एमएससी मैथमेटिक्स के लगभग 600 छात्रों ने प्रतिभागिता की।



 

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