सबसे अलग किस्म के गीतकार थे जमादार धीरज
नगर के वरिष्ठ कवि जमादार धीरज के निधन पर साहित्यिक संस्था गुफ्तगू की तरफ से आनलाइन शोकसभा हुई। अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा जमादार धीरज प्रयागराज के वरिष्ठतम कवियों में से थे, उनके गीत में समाज और देश के वास्तविक संदर्भों का वर्णन मार्मिक ढंग से होता था, उनके निधन से प्रयागराज में एक खास कवि का स्थान रिक्त हो गया, जिसकी पूर्ति करना संभव नहीं होगा। श्री गाजी ने कहा कि हाल ही में उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं अपना एक कविता संग्रह तैयार कर रहा हूं, जल्द ही प्रकाशित करने के लिए दूंगा। मनमोहन सिंह तन्हा ने कहा कि जमादार धीरज जितने अच्छे गीतकार थे, उतने ही मिलनदार और संवेदनशील इंसान भी थे। उनके काव्य सृजन और व्यक्तित्व को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रभाशंकर शर्मा ने कहा कि जमादार धीरज प्रयागराज की शान थे, उनके गीत दूर-दराज के इलाकों में भी गुनगुनाए जाते हैं, उनकी विशिष्ठ शैली उन्हें अन्य गीतकारों से अलग करती है। उनकी अब तक पांच पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, अगली पुस्तक की तैयारी में वे लगे हुए थे। जमादार धीरज की बेटी मधुबाला गौतम ने कहा कि पिताजी कह रहे थे कि उनका लिखा हुआ बेकार नहीं ...